आप दिल्ली मेट्रो के सबसे ज्यादा व्यस्त स्टेशन के प्लेटफार्म पर अपने कार्यालय जाने के लिये मेट्रो में चढ़ने के लिये तेजी से चलने लगते हैं, तभी किसी भी टाँगों में उलझने के कारण गिर जाते हैं और आपकी ड्रेस खराब हो जाती है। वह आदमी आपका परिचित नहीं है। आप जब उससे लड़ने को तैयार होते हैं तो वह हाथ जोड़कर क्षमा मांगता है और कहता है कि यह सब अनजाने में हुआ है, उसने जानबूझकर टाँग नहीं अड़ाई थी। आपको ऑफिस के लिये देरी हो रही है। ऐसी स्थिति में इस मुद्दे के समाधान के लिये आपके सामने करने के लिये कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं और आप कौन-सा विकल्प चुनेंगे?
13 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नइस परिस्थिति में मेरे समक्ष निम्नलिखित विकल्प उपस्थित हैं-
(i) उस व्यक्ति को भी धक्का मारकर गिरा दूँ।
(ii) जल्दी से मैट्रो पकड़कर कार्यालय की ओर निकल लूँ।
(iii) उसे क्षमा कर दूँ।
(iv) उसकी सीआईएसएफ में औपचारिक शिकायत करूँ।
इनमें प्रथम विकल्प बेवकूफी भरा और अनैतिक है। उस व्यक्ति ने जानबूझकर टाँग नहीं अड़ाई थी। गांधी जी ने कहा है कि यदि ‘आँख के बदले आँख’ की नीति पर दुनिया चलेगी तो पूरी दुनिया नेत्रहीन हो जाएगी। कन्फ्यूशियस ने भी कहा है, "जब आप बदला लेने के लिये जाने लगें, तो दो कब्र खोद कर जाइए।" अतः मैं कोई ऐसी प्रतिक्रिया नहीं दूँगा।
दूसरे विकल्प से मेरे नैतिक रूझान का पता नहीं चल पाएगा तथा चौथे विकल्प में वक्त और ऊर्जा की बर्बादी ही होगी क्योंकि वह व्यक्ति पहले ही क्षमा मांग चुका है और उसने ऐसा कोई गंभीर अपराध भी नहीं किया है। अतः मैं तीसरे विकल्प की चुनूगाँ और उस व्यक्ति को क्षमा कर दूगाँ। क्षमाशीलता से ही हम दुर्भावनाओं का घृणित बोझ लादे बिना जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।