आप राजस्थान के एक ऐसे जिले में जिलाधिकारी के तौर पर नियुक्त हुए हैं, जिस जिले की कुछ पिछड़ी जातियों में बाल-विवाह की प्रथा प्रचलन में है। इस प्रथा का इतिहास बहुत पुराना है तथा यह प्रथा उन जातियों की संस्कृति का एक हिस्सा बनी हुई है। आप किस रणनीति द्वारा उन जातियों को यह गलत प्रथा बंद करने के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित करोगे?
17 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्ननिश्चित तौर पर बाल-विवाह एक गलत प्रथा है क्योंकि इस प्रथा के अनेक दुष्परिणाम बहुत जल्द ही सामने आ जाते हैं, जैसे- लड़का और लड़की दोनों का बचपन छीन जाता है। वे अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाते, जिसके कारण अच्छे रोजगार के अभाव में उनका जीवन सदैव गरीबी में ही गुजरता है। लड़की उचित शारीरिक विकास होने से पूर्व जब माँ बनती है तो उसके स्वास्थ्य व जीवन को खतरा उत्पन्न हो जाता है। अतः इस प्रथा के प्रचलन को रोकना बहुत आवश्यक है। एक जिलाधिकारी के तौर पर में निम्नलिखित उपाय करता-
(i) लोगों तक संदेश पहुँचाता कि आधुनिक समय में बाल-विवाह करना न केवल कानूनन जुर्म है बल्कि बच्चों के साथ घोर अन्याय भी है।
(ii) विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों व सामाजिक कार्यकर्त्ताओं की सहायता से अपने संदेश को हर परिवार तक पहुँचाता।
(iii) सभी विद्यालयों में निर्देश जारी करता कि बच्चों को बाल-विवाह के संबंध में उचित शिक्षा दी जाए ताकि भविष्य में तो बच्चे जागरूक रहें ही, वर्तमान में भी अपने परिवार में इस प्रथा के प्रति प्रतिरोध कर सकें।
(iv) उन जातियों के प्रतिनिधियों/सम्मानित लोगों के साथ वार्त्तालाप करता तथा उन्हें समझाता कि किस प्रकार बाल-विवाह एक बुराई है और इसे क्यों बंद किया जाना चाहिये।
(v) जिले में जगह-जगह नुक्कड़, नाटक, साँग व पोस्टरों द्वारा बाल-विवाह के विरूद्ध संदेश का प्रसार करवाता ताकि पिछड़ी जातियों में जागरूकता आती।
(vi) पढ़ने की इच्छुक लड़कियों के लिये विशेष प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाता, जिससे वे पढ़ाई में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित होती और बाल-विवाह का विरोध भी करती।
(vii) जो भी परिवार समझाने व प्रोत्साहन के बावजूद जबरदस्ती बाल-विवाह कराने की कोशिश करते, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करता।