एक लोकसेवक से सदैव अपेक्षित रहता है कि वह सार्वजनिक निधियों का उचित, तर्कपूर्ण एवं न्यासंगत उपयोग व वितरण करे। यह तभी संभव है जब व्यवस्था भ्रष्टाचार रहित हो। इस संदर्भ में लोकसेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार से निपटने के लिये नवाचारी उपायों को सुझाएँ।
19 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नसार्वजनिक निधि कल्याणकारी तथा अन्य सरकारी योजनाओं के लिये धन का अंतिम व एकमात्र स्रोत होती है। ऐसे में, जनसामान्य की बेहतरी व राष्ट्र की प्रगति के लिये सार्वजनिक निधियों का कुशल उपयोग एक अनिवार्य आवश्यकता है।
लोकसेवाओं में भ्रष्टाचार को दूर करके ही सार्वजनिक निधियों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के कानूनों की उपस्थिति के बावजूद लोक सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार कुछ अन्य नवाचारी उपायों की भी मांग करता है।
भ्रष्टाचार से निपटने के लिये किये जा सकने वाले अन्य उपायः
इस प्रकार, एक बहुआयामी व दीर्घकालीन रणनीति द्वारा ही लोक सेवाओं को भ्रष्टाचार से मुक्त कर सार्वजनिक निधियों का सदुपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है।