व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारकों का संक्षित परिचय देते हुए इसमें रोल मॉडल की महत्ता बताएं। भारतीय युवाओं के विशेष संदर्भ में इस पर संक्षिप्त परिचर्चा करें।
26 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नव्यक्तित्व के निर्धारक कारकों में हमारा परिवार, समाज, सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक पृष्ठभूमि, शिक्षण संस्थान तथा देश-काल की परिस्थितियाँ महत्त्वपूर्ण होती हैं। इन सभी कारकों का एक निश्चित समय में हमारे व्यक्तित्व पर निर्णायक प्रभाव पड़ता है और इसमें तो कुछ मूल्य वैसे हो जाते हैं जो शायद ही कभी परिवर्तित हो।
शुरुआती प्रभाव परिवार और इसमें भी विशेषकर माता-पिता, दादा-दादी एवं नाना-नानी का सबसे ज़्यादा रहता है। अगर संयुक्त परिवार में बचपन बीते तो सामूहिकता की भावना ज़्यादा रहती है।
वहीं बाद में, समाज तथा अन्य कारकों का प्रभाव बढ़ता जाता है। जैसे- बहुलतावादी समाज में रहने वाले बच्चों में सहिष्णुता इत्यादि की भावना अधिक पाई जाती है। स्कूल एवं कॉलेज का माहौल युवा को सबसे ज़्यादा प्रभावित करता है जहाँ वे विभिन्न मूल्यों एवं संस्कृति के संपर्क में आते हैं और अपने से भिन्न या एक हद तक विपरीत मूल्यों से भी सामंजस्य बनाना सीख लेते हैं।
रोल मॉडल की महता
रोल मॉडल वह व्यक्ति होता है जो किसी और के द्वारा आदरणीय और श्रद्धेय हो। वह ऐसा व्यक्ति होता है जिसकी तरह कई व्यक्ति या तो वर्तमान में या भविष्य में बनने की अभिलाषा रखते हैं। ये वैसे भी हो सकते हैं जिन्हें हम व्यक्तिगत रूप से जानते हैं जैसे- हमारे माता-पिता, शिक्षक या अन्य सम्मानीय व्यक्ति। या फिर जिन्हें हम व्यक्तिगत रूप से नहीं बल्कि उनके कार्यों की वज़ह से जानते हैं जैसे- कोई महान वैज्ञानिक, लेखक या अन्य कोई राजनेता इत्यादि। न्यूटन, अल्बर्ट आईंस्टीन, रामानुजम, सी.वी.रमन, जगदीश चंद्र बोस, महात्मा गांधी, पंडित नेहरू सचिन तेंदुलकर, अटल बिहारी बाजपेयी जैसे व्यक्तियों से लोग खासे प्रभावित हैं और ‘उनके ही जैसा’ बनने की तमन्ना रखते हैं।
ये व्यक्ति चेतन या अवचेतन रूप से हमारे व्यक्तित्व को एक निश्चित रूप में प्रभावित करते हैं। उदहारण के लिये- असफलता के समय हमें ‘थॉमस एडीसन’ के हजार प्रयोग विफल होने की गाथा साहस देती है तो, नेल्सन मंडेला का व्यक्त्वि एवं कृतित्व हमेशा सहिष्णु बने रहने की प्रेरणा देती है। सचिन तेंदुलकर का अनुशासन हमें अपने प्रोफेशन एवं संस्था का सम्मान करने की हमेशा प्रेरणा देती है।
भारतीय युवा एवं रोल मॉडल
भारतीय युवाओं के सामने आज-कल कोई रोल मॉडल न होने की बात की जाती है और जिसे युवाओं में भटकाव के रूप में भी परिभाषित किया जाता है।
वस्तुतः हमारे दिन-प्रतिदिन की घटनाएँ ऐसी आकार ले रही है जिसमें हमें प्रत्येक व्यक्ति स्वार्थी दिख रहा है चाहे वह चिकित्सक हो, शिक्षक, राजनीतिज्ञ या कोई बिज़नेस आइकन। इन सभी घटनाओं का युवा मस्तिष्क पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। सबसे ज़्यादा चर्चा में रहने वाला राजनीतिक क्षेत्र है जिसमें नैतिकता का स्तर निरंतर गिर रहा है।
लेकिन इन कमियों के बावजूद हमारी विरासत गांधी, पटेल, नेहरू तथा कलाम की है और वर्तमान में भी डॉ. मनमोहन सिंह, प्रणव मुखर्जी एवं नरेंद्र मोदी जैसे नेता हैं जो अपने परिश्रम एवं राजनीतिक क्षमता से युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं।
अन्य क्षेत्रों में डॉ कलाम, प्रोफेसर यशपाल, यू.आर. राव, डॉ. स्वामीनाथन जैसे व्यक्ति हैं जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से देश को विज्ञान एवं तकनीक के शीर्ष पर पहुँचाया और आम लोगों के जीवन को सुलभ बनाया।
और इन्हीं सबसे प्रेरणा लेकर हमारी नई पीढ़ी कलाम जैसा सांइटिस्ट बनना चाहती है तो विश्वशरैया जैसा इंजीनियर, सचिन जैसा क्रिकेटर तो अमिताभ जैसा अभिनेता। ये सब हमारे रोल मॉडल हैं, जो हमारे समाज एवं देश को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।