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प्रश्न :
"नैतिक कथन महज एक दिखावा है। ये बाह्य रूप से भले ही सुंदर प्रतीत होते हैं लेकिन अंदर से खोखले होते हैं।" टिप्पणी करें-
28 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
नैतिक कथन किसी व्यक्ति के लिये अपनी गतिविधियों व व्यवहार को संचालित करने में एक आदर्श सिद्धांत व मूल्य की भाँति कार्य करता है। इसी तरह किसी संगठन के लिये नैतिक कथन सिद्धांत का एक समुच्चय होता है जो उस संगठन को अपने कार्यक्रमों, नीतियों एवं निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को आसान बनाकर दिशा-निर्देश के रूप में कार्य करता है। इसके अतिरिक्त ये संगठन की प्रतिष्ठा एवं उत्पादकता के लिये भी एक महत्त्वपूर्ण उपकरण होते हैं।
भारतीय समाज में ‘ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है’ एक सर्वप्रचलित नैतिक कथन है। इस तरह ‘ईमानदारी’ को भारतीय समाज का एक महत्त्वपूर्ण आचरण माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति ‘ईमानदारी’ को त्यागकर बेईमानी या अन्य अनैतिक आचरण को अपनाता है, तो वह समाज में परित्यक्त की भाँति जीवन व्यतीत करता है। समाज का प्रत्येक व्यक्ति उसे हेय दृष्टि से देखता है। उस व्यक्ति से समाज का भरोसा उठ जाता है, यदि वह व्यक्ति कभी समाज के लिये सही कार्य भी करता है, तो लोग उस पर विश्वास नहीं करते हैं।
इस तरह, नैतिक कथन के चमकदार या खोखलेपन का संबंध उसे मनुष्य द्वारा कार्य-व्यापार में अपनाने या नहीं अपनाने से है। यदि कोई व्यक्ति किसी नैतिक कथन से प्रभावित होकर कार्य करता है, तो वह कार्य समाज में एक प्रतिमान स्थापित करता है। उदाहरण के लिये महात्मा गांधी द्वारा सत्य, अहिंसा व सत्याग्रह से प्रेरित होकर किया गया कार्य भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व के लिये ‘मील के पत्थर’ के रूप में स्थापित है।
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