अनुनय को परिभाषित करते हुए एक प्रभावी अनुनय के लिये आवश्यक विशेषताओं का उल्लेख करें। क्या एक प्रशासक के लिये अनुनय का कोई महत्त्व है? टिप्पणी करें।
उत्तर :
भूमिका में:-
अनुनय को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में:-
भूमिका से लिंक रखते हुए प्रथम पैराग्राफ में अनुनय के लिये आवश्यक विशेषताओं पर चर्चा करें, जैसे :
- श्रोताओं/दर्शकों/पाठकों की विशेषता के अनुसार सूचना प्रदान करना। उदाहरणस्वरूप बुद्धिमता वाले लोगों को एकतरफा संदेशों से अनुनय नहीं किया जा सकता।
- दी जाने वाली सूचना का स्रोत प्राधिकृत और सटीक हो।
- संदेश प्रदान करने वाला व्यक्ति विशेषज्ञ, भरोसेमंद और दर्शकों को आकर्षित करने वाला होना चाहिये।
- संदेश की प्रकृति सरल, सीधी, एकतरफा (औसत स्तर के आत्मसम्मान वाले व्यक्तियों के लिये) और दोतरफा (परिष्कृत रुचि वाले व्यक्तियों के लिये) होनी चाहिये।
- संज्ञानात्मक मार्ग का प्रयोग किया गया हो। इसके अंतर्गत आँकड़ों अथवा स्रोत के माध्यम से मूल्यांकन करने तथा अभिवृत्ति को परिवर्तित करने वाले निष्कर्ष पर पहुँचने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।
द्वितीय पैराग्राफ में एक प्रशासक के लिये अनुनय के महत्त्व पर टिप्पणी करें, जैसे :
- विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये लोगों में जागरूकता हेतु अनुनय महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
- एक प्रशासक पारिवारिक झगड़ों, जातीय और सांप्रदायिक संघर्षों जैसे संवेदनशील मुद्दों से निपटने में अनुनय का प्रभावी उपयोग कर सकता है।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
नोट: निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर को विश्लेषित करके लिखें।