आत्महत्या के प्रयास को अपराध नहीं माना जाना चाहिये क्या आप सहमत हैं। इसमें कौन-से नैतिक मुद्दे शामिल है?
29 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नभारतीय दंड संहिता की धारा 309 के अनुसार आत्महत्या को अन्य अपराधों की तरह माना गया है किंतु वर्तमान में न केवल माननीय सर्वोच्च न्यायालय के नज़रिये में परिवर्तन हो गया है अपितु दुनिया के अधिकांश लोकतांत्रिक और विकसित देशों में आत्महत्या को अपराध नहीं माना जाता है। इसके दो पक्ष हैं- पहला, अपराध मानने से वह आत्महत्या के लिये प्रेरित नहीं होगा। दूसरा, अपराध मानने का नुकसान यह है कि जो पहले से ही मानसिक रूप से परेशान है, वह और परेशान होगा तथा आत्महत्या के लिये प्रेरित होगा।
आत्महत्या के प्रयास को अपराध न मानने के पीछे निम्नलिखित तर्क दिये जाते हैं-
उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मेंटल हेल्थकेयर एक्ट-2017 के तहत आत्महत्या के प्रयास को अपराध की सूची से अलग कर दिया गया है। पीड़ित को मानसिक चिकित्सा, रिहैबिलिटेशन सेंटर इत्यादि भेजने की व्यवस्था की गई है। इसकी सिफारिश द्वितीयक प्रशासनिक आयोग एवं विधि आयोग ने भी की थी। आत्महत्या को अपराध घोषित करने में मानवीय, मनोवैज्ञानिक रुग्णता एवं अपने परिवार के भविष्य इत्यादि जैसे नैतिक मुद्दे भी शामिल हैं।