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प्रश्न :
कॉरपोरेट शासन व्यवस्था क्या है? इसके उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डालें।
07 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
कॉरपोरेट शासन व्यवस्था किसी संगठन को निर्देशित और नियंत्रित करने का एक तरीका है। इस व्यवस्था में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की काफी प्रभावी भूमिका होती है। अन्य प्राथमिक सदस्यों विशेषरूप से शेयरधारकों के साथ इसका महत्त्वपूर्ण संबंध होता है। कॉरपोरेट शासन व्यवस्था का ढाँचा समुदाय के कानूनी, नियामकीय, संस्थागत और नैतिक वातावरण पर निर्भर करता है। इसे कानूनी और गैर-कानूनी सिद्धांतों और सार्वजनिक तौर पर आयोजित व्यापार कंपनियों के नियंत्रण को प्रभावित करने वाली प्रथाओं के मेज़बान के रूप में वर्णित किया गया है। उल्लेखनीय है कि यहाँ प्रबंधन को एक न्यासी की भूमिका निभानी होती है जिसका मूल उद्देश्य शेयरधारकों के विभिन्न वर्गों के बीच लाभ की विषमता को रोकना होता है, खासकर मालिक-प्रबंधकों और शेष शेयरधारकों के बीच। इस तरह कॉरपोरेट शासन व्यवस्था किसी संगठन के निष्पक्ष, पारदर्शी और नैतिक प्रशासन के समान है।
कॉरपोरेट शासन व्यवस्था के उद्देश्य
- समाज के मूल्यों का सम्मान करते हुए शेयरधारकों के मूल्य को अधिकतम करना एवं अन्य हितधारकों के हितों की रक्षा करना।
- फर्म के कुशल निष्पादन के लिये आर्थिक और मानव पूंजी को आकर्षित करना।
- निवेशकों के विश्वास को मज़बूत करना और कंपनियों को मुनाफे की ओर ले जाना।
कॉरपोरेट शासन व्यवस्था का महत्त्व
कॉरपोरेट शासन व्यवस्था का सर्वोत्तम क्रियान्वयन न केवल शेयर धारकों बल्कि फर्म के अस्तित्व के लिये भी महत्त्वपूर्ण है। यह मूल्य, स्थिरता और दीर्घकालिक लाभ को बढ़ाता है। वर्तमान समय में जब धोखाधड़ी, दिवालियापन आदि की घटनाएँ बढ़ रही हैं तो यह किसी कंपनी के लाभ के लिये ही नहीं बल्कि नैतिक व्यवहार, पर्यावरणीय जागरूकता एवं मज़बूत कॉरपोरेट शासन व्यवस्था के प्रदर्शन के ज़रिये एक बेहतर कॉरपोरेट नागरिक कर्त्तव्यों के प्रदर्शन की है।
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