नदी द्वारा निर्मित रचनात्मक स्थलरूपों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण डेल्टा के निर्माण की आवश्यक दशाएँ बताते हुए उसके वर्गीकरण को सोदाहरण समझाएँ।
11 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलनदी के निक्षेपात्मक स्थलरूपों के बारे में जानकारी देते हुए उत्तर आरंभ करें-
विषय-वस्तु के पहले भाग में हम नदी डेल्टा का सामान्य परिचय देते हुए उसके निर्माण हेतु आवश्यक दशाएँ बताएंगे-
जब नदी का वेग घटता है तो यह अपने साथ लाये पदार्थ यथा शैलखण्ड, रेत और गाद संबंधी भार को जमा करना प्रारंभ कर देती है। जब नदी सागर अथवा झील में प्रवेश करती है तो उसके प्रवाह में अवरोध एवं वेग में कमी के कारण नदी के मुहाने पर बड़ी मात्रा में रेत और गाद का निक्षेपण या जमाव होने लगता है। इस प्रकार से निर्मित स्थलरूप डेल्टा कहलाता है।
डेल्टा के निर्माण हेतु आवश्यक दशाएँ-
आकृति के अनुसार डेल्टा का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जाता है-
इसका निर्माण उस समय होता है जब नदी की मुख्य धारा द्वारा पदार्थों का निक्षेप बीच में अधिक होता है। इससे बीच का भाग निकला हुआ एवं किनारे का भाग संकरा होता है। इस प्रकार के डेल्टा का आकार वृत्त के चाप या धनुष के समान होता है।
उदाहरण- गंगा नदी का डेल्टा, राइन नदी का डेल्टा, नील नदी एवं हवांगहो, सिंधु, मीकांग नदियों का डेल्टा।
इस प्रकार का डेल्टा प्राकृतिक नदी तटबंधों के जलीय भाग में मनुदय की उंगलियों के आकार में धारा की शाखाओं के बंटने से निर्मित होता है। इनका आकार पक्षियों के पैरों के पंजा से मिलता है।
उदाहरण- मिसीसीपी नदी का डेल्टा
नदियों की एस्चुअरी के भर जाने से निर्मित लम्बे तथा संकरे डेल्टा को ज्वारनदमुख डेल्टा कहते है।
उदाहरण- भारत में नर्मदा तथा तापी नदियों द्वारा बनाया गया डेल्टा तथा मैकेन्जी, एल्ब, ओब, हडसन आदि नदियों के डेल्टा।
यह एक सममित (Symmetrical) डेल्टा है जो अक्सर सागर की सीधी तट रेखा पर नदी के प्रवेश से बनता है। इसमें अवसादी पदार्थ नदी के मुहाने के दोनों ओर समान रूप से जमा होता है।
उदाहरण- इटली की टाइबर नदी द्वारा बनाया गया डेल्टा
अंत में संतुलित, संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
नोट- आप चाहे तो डेल्टा के वर्गीकरण में डायग्राम भी बना सकतें है।