शक्ति को लोगों के पास अंतरित करने के लिये क्या किया जाना चाहिये, जिससे निर्णय लेने का शक्ति-बिंदु (power point) लोगों के नज़दीक हो सके ? क्या इससे जवाबदेही बढ़ेगी?
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा-
- शासन की शक्ति का लोगों तक अंतरण करने के उपाय सुझाएँ।
- यह भी बताएँ कि क्या इससे प्रशासन में जवाबदेही में वृद्धि होगी।
- निष्कर्ष
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गांधी जी ने विकेंद्रीकृत शासन पद्धति में ही देश की स्वतंत्रता और विकास को समाहित किया था। उनके अनुसार नीति-निर्माण की प्रक्रिया में जनभागीदारी को सुनिश्चित किये जाने के साथ-साथ शासन की शक्ति का जन-जन तक वितरण आवश्यक है।
शासन की शक्ति को लोगों तक अंतरित करने के लिये निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं-
- सेवा-स्तरों का निर्धारण करके नागरिक चार्टरों को और असरदार बनाया जाए और इन स्तरों पर खरे न उतरने की स्थिति में जनजागरूकता और प्रशिक्षण आदि के द्वारा उसमें सुधार के उपाय किये जाएँ।
- महत्त्वपूर्ण सरकारी संस्थानों और कार्यालयों में नैतिकता का आकलन करने की प्रक्रिया में नागरिकों को शमिल किया जाए।
- भ्रष्टाचार के विरुद्ध पहल करने वाले नागरिकों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार दिये जाएँ।
- स्कूल-स्तर पर जागरूकता को अमल में लाया जाना चाहिये। जिससे बच्चों को शुरूआत से ही नैतिकता का महत्त्व सिखाया जा सके और भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़े होने के लिये प्रेरित किया जा सके।
- भारत में अधिकतर लोक कार्यालयों में शिकायत निरीक्षण प्रणाली सुस्त है। सिंगापुर में शिकायत पर 24 घंटे के भीतर ही संज्ञान लेकर जांच दो महीने के अंदर ही पूर्ण कर ली जाती है। हमें भी ऐसी ही प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है।
- भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले व्हिसिल ब्लोअर्स को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है, तभी जन भागीदारी बढ़ेगी।
सूचना के अधिकार अधिनियम तथा नागरिक चार्टर को और अधिक सशक्त बनाकर न केवल प्रशासन को और अधिक जवाबदेह बनाया जा सकता है, बल्कि इससे भ्रष्टाचार को भी कम करने में सहायता मिलेगी और साथ ही इससे नीति निर्माण के शक्ति-बिंदु को आम लोगों के नज़दीक भी पहुँचाया जा सकता है।