“व्यापारिक नैतिकता” से क्या अभिप्राय है ? व्यापार में नैतिकता की क्या आवश्यकता है?
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा-
- व्यापारिक नैतिकता की परिभाषा लिखें।
- विभिन्न तर्कों के माध्यम से समझाएँ कि व्यवसाय में नैतिकता की आवश्यकता क्यों है।
- निष्कर्ष
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व्यापारिक नैतिकता व्यावहारिक नीतिशास्त्र की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत किसी व्यापार प्रतिष्ठान या कॉर्पोरेट प्रतिष्ठान के व्यापारिक कार्यकलापों, प्रक्रियाओं, निर्णयों तथा अपने कर्मचारियों एवं उपभोक्ताओं से संबंधों का नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों के धरातल पर मूल्यांकन तथा उनसे जुड़े विभिन्न नैतिक मुद्दों का अध्ययन किया जाता है।
व्यापार में नैतिकता की आवश्यकता क्यों है ?
- कुछ व्यवसायी अनुचित व्यापारिक तरीकों, जैसे- कालाबाज़ारी, कृत्रिम उच्च-मूल्य निर्धारण, वज़न और नाप में गड़बड़ी, नकली और हानिकारक उत्पादों की बिक्री तथा जमाखोरी आदि के ज़रिये व्यापार करते हैं। इस तरह के व्यावसायिक कदाचार के कारण उपभोक्ताओं का हित बाधित होता है। व्यापारिक नैतिकता, व्यवसाय में इस कदाचार को रोकने में सहयोग करती है।
- उत्पादों की गुणवत्ता, मात्रा व मूल्य आदि को लेकर उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने में व्यापारिक नैतिकता लाभप्रद है। व्यावसायिक नैतिकता के नियमों का पालन करने वाले व्यापारियों पर उपभोक्ताओं का विश्वास बना रहता है।
- व्यवसाय के अस्तित्व को बनाए रखने के लिये व्यापारिक नैतिकता ज़रूरी है। ये संभव है कि नैतिकता का पालन नहीं करके अल्पकाल के लिये लाभ कमा लिया जाए, परंतु दीर्घकाल में यह व्यवसाय के लिये हानिकारक ही होगा। बाज़ार में बने रहने के लिये उपयुक्त व्यापारिक नैतिकता का पालन करना ही होगा।
- उपभोक्ता के पास कई तरह के अधिकार होते हैं, जैसे – स्वास्थ्य और सुरक्षा का अधिकार, सूचना पाने का अधिकार, चयन का अधिकार, सुनवाई का अधिकार व निवारण का अधिकार आदि। उपभोक्ता के इन अधिकारों की रक्षा के लिये व्यापार में नैतिकता की आवश्यकता होती है।
- कर्मचारियों, शेयरधारकों, प्रतिस्पर्द्धियों, डीलरों, आपूर्तिकर्त्ताओं आदि के हितों की रक्षा के लिये व्यावसायिक नैतिकता आवश्यक है।
- व्यापारिक नैतिकता किसी व्यवसाय से जुड़े विभिन्न प्रतिस्पर्द्धियों के बीच एक स्वस्थ स्पर्द्धा का वातावरण बनाए रखती है। इससे सभी पक्षों को व्यापार में समान अवसर मिलता है और व्यापार में किसी का एकाधिकार नहीं हो पाता।
- व्यापारिक नैतिकता से श्रम का महत्त्व स्थापित होता है। व्यावसायिक नैतिकता का पालन करने वाला नियोक्ता अपने कर्मचारियों को उचित वेतन और अच्छी कामकाज़ी परिस्थितियाँ उपलब्ध कराता है।
एक कंपनी, जो अपने व्यावसायिक प्रबंधन में नैतिकता का ध्यान रखती है, वहाँ पर निर्णय केवल मौद्रिक लाभ को नहीं वरन् उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर लिये जाते हैं। ऐसे में हितधारक स्वयं को कंपनी का एक हिस्सा ही मानते हैं और ऐसी कंपनियाँ या व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपने क्षेत्र में ख्याति अर्जित करते हैं।