प्रतिस्पर्द्धा सेवा प्रदाताओं और ग्राहकों को किस प्रकार प्रभावित करती है ? उदाहरण सहित टिप्पणी करें।
16 Sep, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
उत्तर की रूपरेखा-
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प्रतिस्पर्द्धा किसी क्षेत्र में एकाधिकार को समाप्त करने का उत्तम उपकरण है। यह सेवा प्रदाता और हित-ग्राहकों दोनों के लिये लाभदायक है। प्रतिस्पर्द्धा का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लक्षण बड़ी संख्या में सेवा प्रदाताओं और ग्राहकों की उपस्थिति है। प्रतिस्पर्द्धा स्वस्थ और विनाशकारी दोनों हो सकती है। जब दो प्रतिस्पर्द्धी किसी भी कीमत पर एक-दूसरे से जीतने का प्रयास करें, तो ऐसी प्रतिस्पर्द्धा विनाशकारी होती है। लेकिन रचनात्मक प्रतिस्पर्द्धा, प्रतिस्पर्द्धियों के प्रदर्शन में सुधार के लिये प्रेरक होती है।
प्रतिस्पर्द्धा के लाभ-
कई वर्षों पहले भारत में विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी या सार्वजनिक कंपनियों का एकाधिकार था। इन क्षेत्रों में जैसे ही निजी कंपनियों का प्रवेश हुआ, वैसे ही एक प्रतिस्पर्द्धी माहौल बना और पाया गया कि जहाँ खुली प्रतिस्पर्द्धा है, वहाँ सरकारी क्षेत्र कमज़ोर दिखाई पड़ता है। उदाहरण के लिये टेलीकॉम क्षेत्र में निजी कंपनियों को लाइसेंस मिलते ही सेवाओं की लागत में गिरावट आई और भ्रष्टाचार के मामलों में भी कमी देखने को मिली। लगभग ऐसा ही विमानन क्षेत्र, बैंकिंग क्षेत्र आदि में भी देखने को मिला।
रिलायंस जिओ ने मुफ्त कॉल और इंटरनेट सेवा प्रदान करके ग्राहकों को तो संतुष्ट कर दिया, लेकिन इस कदम ने प्रतिस्पर्द्धा की मूल भावना को चोट पहुँचाई है। प्रतिस्पर्द्धा आक्रामक नहीं, रचनात्मक होनी चाहिये। अतः स्पष्ट है कि स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा सेवा प्रदाताओं और ग्राहकों दोनों के लिये लाभदायक होती है।