आप एक ज़िले के किसी महत्त्वपूर्ण सरकारी कार्यालय के प्रमुख हैं। कुछ समय पहले आपके कार्यालय में एक चपरासी की नियुक्ति हुई है। वह अशिक्षित है और उसके पास काम के लिये आवश्यक बुनियादी जानकारी भी नहीं है। वह हमेशा गपशप में लगा रहता है। वह स्टाफ के वरिष्ठ सदस्यों के आदेश का पालन भी नहीं करता है। आप जानते हैं कि कार्यालय में उसकी नियुक्ति उसी कार्यालय में कार्यरत रहे उसके पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर हुई है। उसकी माँ अक्सर बीमार रहती है। एक चपरासी के रूप में उसकी नौकरी ही उसके परिवार के लिये आय का एकमात्र स्रोत है। आप गरीब लोगों के प्रति अपनी सहानुभूति के लिये जाने जाते हैं। अ) इस स्थिति से निपटने के लिये आपके पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? ब) आप किस विकल्प का चयन करेंगे और क्यों?
11 Oct, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
उत्तर की रूपरेखा-
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उपरोक्त मामले में शामिल नैतिक मुद्दे हैं - चपरासी को अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किया गया था, लेकिन कार्यालय की "कार्य-संस्कृति" और अन्य कर्मचारियों की "कार्य कुशलता" उसके कारण प्रभावित हो रही है। हालाँकि यह भी देखा जाना चाहिये कि व्यक्ति निरक्षर है और काम के माहौल से अपरिचित है। इसके अलावा, उसकी गरीब स्थिति को देखते हुए, वह एक सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार का हकदार भी है।
उपलब्ध विकल्प:
यह चपरासी के दृष्टिकोण से अच्छा होगा क्योंकि उसके पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है और वह घर का एकमात्र आय अर्जक है। लेकिन इससे संगठन की कार्यप्रणाली प्रभावित होगी जिससे कार्यालय के अन्य लोगों पर भी इसका असर पड़ेगा।
यह समस्या का एक अस्थायी समाधान है। यह एक कार्यालय की समस्या का समाधान कर उस कार्यालय की कार्य-संस्कृति को प्रभावित करेगा, जहाँ उसे स्थानांतरित किया जाएगा।
यह कदम कार्यालय में अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त संदेश देगा, लेकिन यह गरीब चपरासी और उसके परिवार के लिये बड़ी कठिनाई उत्पन्न कर देगा। उसे अपने कौशल को बेहतर बनाने का एक अवसर प्रदान किये बिना किसी व्यक्ति को नौकरी से निकाल देने का यह कदम सही नहीं होगा।
चपरासी के काम के लिये ज्यादा तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं है। उसके व्यवहार की वजह से यहाँ अधिक समस्याएं हैं, अतः सबसे पहले, व्यवहार परिवर्तन के एक सत्र का आयोजन किया जाना चाहिये और उसे कार्यालयीन अनुशासन के बारे में अवगत कराया जाना चाहिये।
बी) सबसे उपयुक्त कार्रवाई का विकल्प पहले चौथे विकल्प के लिये जाना है और अगर स्थिति में ज़्यादा सुधार नहीं होता तो उसे हटा दिया जाना चाहिये।
यह संभव है कि उस व्यक्ति को परवरिश के दौरान शिष्टाचार सीखने का अवसर ही नहीं मिला हो, अतः उसे सुधरने का एक उचित मौका दिया जाना चाहिये। उपयुक्त प्रशिक्षण, प्रोत्साहन प्रदान करके व्यवहार को बदला जा सकता है। यदि व्यवहार परिवर्तन सत्र और कौशल प्रशिक्षण दोनों का ही प्रभाव न पड़े, तो उसे हटा दिया जाना चाहिये।