वर्षों की तैयारी के बाद अविनाश सरकारी सेवा में चयनित हो गया। कम उम्र में ही उसके पिता की मृत्यु हो गई और उसने नौकरी के लिये जीवन में कड़ा संघर्ष किया। वह बहुत खुश था और आगे अपना उज्ज्वल भविष्य देख रहा था। नियुक्त होने के बाद उसने पाया कि उसने जैसा सोचा था व्यवस्था वैसी नहीं है। उसे अपने अधीनस्थों द्वारा प्रत्येक आवंटित निविदा पर सौदे का कुछ प्रतिशत दिया जाता था और पक्ष में निर्णय लेने के लिये टेबल के नीचे से धन दिये जाने का प्रस्ताव दिया जाता था। उसने अपने वरिष्ठों से निवेदन किया और औपचारिक शिकायत दर्ज की। हालाँकि शिकायत के बाद ऐसे उपागम और धन देने के प्रस्तावों में कमी आ गई लेकिन उसने महसूस किया कि वह अपने सहकर्मियों से अलग-थलग पड़ गया है। सामाजिक परिप्रेक्ष्य में उसके सहकर्मी उसे नजरअंदाज कर रहे थे और केवल पेशेवर स्तर पर उससे बातचीत होती थी और वह भी बहुत सीमित मात्रा में। परिस्थिति तब दुष्कर हो गई जब उसने मानसिक दबाव महसूस करना शुरू किया। उसका सरकारी आवंटित आवास अलग सरकारी क्वार्टर में स्थानांतरित कर दिया गया जो कि बहुत दूर है। बाद में, एक अनौपचारिक बैठक में उसे परामर्श दिया गया कि या तो वह सबके साथ चले या फिर अपना स्थानांतरण करा ले। उसने आपसे अपनी बात कही और सुझाव मांगा। आप उसके बचपन के नजदीकी मित्र हैं और आप जानते हैं कि वह बहुत ईमानदार है और जीवन में उसने कई संघर्षों का सामना किया और साथ ही उसकी माँ के प्रयासों से वह इस स्तर तक पहुँच सका। आप उसे क्या सलाह देंगे? कारण बताइये।
21 Oct, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नमुद्दाः नैतिक दुविधा (अंतर्रात्मा की आवाज़ और व्यावसायिक कार्य संस्कृति)
मूल्यः ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठा, भावनात्मक बुद्धिमत्ता।
अविनाश का करीबी मित्र होने के नाते मैं, उसे निम्नलिखित सलाह दूँगा-
इसके अतिरिक्त घर दूर स्थित होने के कारण अविनाश की माँ को अकेलेपन, सुरक्षा व अन्य समस्याओं के समाधान हेतु मैं उसे सहायता का प्रस्ताव दूंगा। इससे, माँ को भावनात्मक मदद मिल सकेगी। साथ ही माँ की व्यक्तिगत चिंता से अविनाश को कुछ राहत मिल सकेगी।
इस प्रकार अविनाश को एक करीबी मित्र होने के कारण भावनात्मक समर्थन देकर उसके कार्यों के जनहित दृष्टिकोण को उजागर करूंगा। साथ ही उसे विभाग व सेवा में एक सकारात्मक उदाहरण बनने की सलाह दूंगा।