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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    “यह आवश्यक नहीं है कि एक अच्छा नागरिक एक अच्छा व्यक्ति भी हो।” इस कथन की व्याख्या करें।

    08 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    महान दार्शनिक प्लेटो के अनुसार अच्छे नागरिक और अच्छे व्यक्ति में कोई अंतर नहीं होता, जबकि अरस्तु के अनुसार अच्छे नागरिक और अच्छे व्यक्ति अलग-अलग होते हैं। अच्छे नागरिक केवल स्वामी ही होते हैं, जबकि अच्छे व्यक्ति दास भी हो सकते हैं।

    अच्छा व्यक्ति होने के लिये आवश्यक है कि कोई व्यक्ति एक अच्छा नागरिक हो, हालाँकि यह आवश्यक नहीं कि एक अच्छा नागरिक भी एक अच्छा व्यक्ति हो। एक अच्छे व्यक्ति के गुण, एक अच्छे नागरिक के गुणों से कहीं अधिक श्रेष्ठ होते हैं। एक अच्छे व्यक्ति का शील ज्ञान पर आधारित होता है, परंतु एक अच्छे नागरिक का शील मत पर आधारित होता है। एक अच्छा नागरिक समुदाय, शहर और देश के लिये जो सबसे उपयुक्त कार्य है, उसे करता है। जब कोई देश के कानून का अनुसरण करता है और अपने आस-पास के लोगों को कोई हानि नहीं पहुँचाता और उनकी भलाई के लिये कार्य करता है तो वह एक अच्छा नागरिक है। एक अच्छा नागरिक अपने देश और सरकार के प्रति वफादार होता है। नागरिक के जो गुण होते हैं, वह उसके संविधान के अनुकूल होते हैं। अलग-अलग संविधान व कानूनों के अनुसार अच्छे नागरिक की अवधारणा भी भिन्न-भिन्न होती है। इस प्रकार नागरिक शासन के सापेक्ष होता है। 

    अच्छे व्यक्ति की अवधारणा सार्वभौमिक रूप से एक ही होती है। एक अच्छे व्यक्ति को कुछ सार्वभौमिक मूल्यों जैसे- दया, करुणा, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा आदि से युक्त होना चाहिये। एक अच्छे नागरिक और एक अच्छे व्यक्ति में अंतर कम करने के लिये किसी देश के कानूनों का निर्माण कुछ इस प्रकार होना चाहिये कि वे व्यक्ति को नैतिक बनने में मदद करें। 

    यदि एक अच्छा व्यक्ति अच्छा नागरिक नहीं है तो इससे समाज की हानि होती है और यदि एक अच्छा नागरिक एक अच्छा व्यक्ति नहीं है तो व्यक्ति का विकास रुक जाता है। अतः कानूनों में नैतिकता के समावेश से अच्छे नागरिक को अच्छा व्यक्ति भी बनाया जा सकता है।

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