"सहिष्णुता एक स्वतंत्र, व्यक्तिगत पसंद है और इसे किसी पर लागू नहीं किया जा सकता।" साथ ही सहिष्णुता को प्रशासनिक व्यवहार में लाने के लिये व्यक्ति में एक भावनात्मक चेतना की आवश्यकता होती है। विवेचना कीजिये।
13 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नसहिष्णुता (सहनशीलता या धैर्य) विचारों को कार्य रूप में परिणित करने में सहायता करती है। सहनशीलता मनुष्य की एक विशेषता है, जिससे वह विपरीत परिस्थितियों के बीच भी मुस्करा सकता है। अपने क्रोध और विरोध पर काबू पाकर सहिष्णु व्यक्ति उन व्यक्तियों के मूल्यों को भी समझ सकता है, जिनसे उसका विरोध है। सहिष्णु व्यक्ति विरोधों के बिना प्रतिक्रिया दिये अपने विचारों और विमतियों के साथ सह-अस्तित्व बनाए रख सकता है। यह एक महान गुणों का गुण है जो विवेक और परानुभूति से मिलकर निर्णयों को सामयिक और सही बनाता है। इसलिये यह कहा जा सकता है कि सहिष्णुता एक स्वतंत्र, व्यक्तिगत पसंद है और इसे किसी पर लागू नहीं किया जा सकता।
सहिष्णुता बहुत कुछ बचपन के संस्कारों पर निर्भर होती है पर इसे अनुभव और परीक्षण से बढ़ाया जा सकता है। इसलिये सहिष्णुता को प्रशासनिक व्यवहार में लाने के लिये व्यक्ति में एक इमोशनल अवेयरनेस की आवश्यकता होती है। यह प्रशासक में तभी जन्म लेती है और आगे बढ़ती है, जब प्रशासक
विरोधों, विपत्तियों और डिसएग्रीमेंट के बीच रहते हुए अपने निर्णय लेने की कला को जानता हो। यह एक अभिवृत्ति है और उन लोगों में कम मात्रा में पाई जाती है जो केवल राज करना चाहते हैं।
यह अपने कार्य और जीवन के प्रति एक दृष्टि है। विरोधी को लगे कि वह जीत गया, यह तो एक प्रतिक्रिया है, पर जहर का घूँट पीकर आपने अपने सीनियर या जूनियर को यह समझा दिया कि वह गलत है। यह सहिष्णुता से ही संभव है।
यह अहिंसा की तरह दया, क्षमा, साहस और भावनात्मक दुःख को बर्दाश्त करने की एक अपार क्षमता है, जो पशुओं में नहीं होती।
सहिष्णु प्रशासक वास्तविकताओं को समझता है, अपनी मजबूरियों को स्वीकार करता है और दूसरों की कमियों को अपनी बताकर संगठन के विरोध अवरोधों को घटाता रहता है, यह नेतृत्व का एक ऐसा गुण है, जो पूरी टीम को एक प्रेरणा देता है और समूह के जीवन में सकारात्मकता लाता है।