लोकतंत्र में कुशल सिविल सेवा के लिये कुछ मूल्य अवश्य होने चाहियें, जो इसे अन्य व्यवसायों से अलग करती है। दिये गए बयान के आलोक में सार्वजनिक सेवाओं के लिये मूलभूत मूल्यों की व्याख्या कीजिये।
22 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नलोकतंत्र में सिविल सेवकों के विशेष दायित्व होते हैं, क्योंकि उन्हें सामुदायिक संसाधनों का प्रबंधन करना और समुदायों के लिये सेवाएँ प्रदान करना जैसी प्रमुख ज़िम्मेदारियाँ निभानी होती हैं। स्वाभाविक रूप से नागरिक, सिविल सेवकों से समाज में कुशलता से काम करने के क्रम में कुछ मूल्यों को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं।
सार्वजनिक सेवाओं के लिये आवश्यक मूलभूत मूल्य-
निःस्वार्थता- सार्वजनिक पदधारकों को जनता के हितों के मामलों में पूरी तरह से कार्य करना चाहिये। उन्हें खुद के लिये वित्तीय या अन्य लाभ, अपने परिवार या अपने दोस्तों द्वारा हासिल करने के क्रम में ऐसा नहीं करना चाहिये।
वफ़ादारी- सार्वजनिक पद धारकों को उनके सरकारी कर्त्तव्यों के निष्पादन में उन्हें प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है, अतः उन्हें बाहर के व्यक्तियों या संगठनों को किसी भी वित्तीय या अन्य दायित्वों के अधीन खुद की जगह नहीं रखना चाहिये।
निष्पक्षता- सार्वजनिक पदधारकों को योग्यता के आधार पर विकल्प बनाने चाहिये, सार्वजनिक नियुक्तियों, ठेके देने या पुरस्कार और लाभ के लिये व्यक्तियों के चयन में निष्पक्षता होनी चाहिये।
जवाबदेही- सार्वजनिक पदधारक अपने फैसलों और कार्यों के लिये जनता के प्रति जवाबदेह हैं और उनके कार्यालय के लिये उपयुक्त जो कुछ भी जाँच के लिये उपलब्ध हो, स्वयं प्रस्तुत करना चाहिये।
खुलापन- सार्वजनिक पदधारकों को लिये गए सभी फैसलों और कार्यों के बारे में संभव रूप में खुला होना चाहिये। उन्हें अपने निर्णय के लिये कारण स्पष्ट रूप से देने चाहियें और जानकारी को सीमित तभी करना चाहिये जब व्यापक सार्वजनिक हित प्रभावित हों।
ईमानदारी- सार्वजनिक कार्यालय के पदधारकों के लिये अपने सार्वजनिक कर्त्तव्यों से संबंधित किसी भी निजी हितों की घोषणा करना एक कर्त्तव्य है और यह जनता के हित की रक्षा करता है।
नेतृत्व- सार्वजनिक पद धारकों को सार्वजनिक हितों को बढ़ावा देने और कुशल नेतृत्व उदाहरण के द्वारा इस सिद्धांत का समर्थन करना चाहिये।