"मानव आचरण केवल अभिरुचि या हॉबी से नहीं समझा जा सकता, मनोवृत्तियों और अभिवृत्तियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाओं से ही इसे पहचाना जा सकता है।" चर्चा कीजिये।
30 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नमानव आचरण केवल अभिरुचि या हॉबी से नहीं समझा जा सकता, बल्कि इसे मनोवृत्तियों और अभिवृत्तियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाओं से ही पहचाना जा सकता है-
दोनों ही एक संज्ञानात्मक प्रक्रिया के अंग हैं और ये मनुष्य के समस्त व्यवहार और संबंधों को बड़ी गंभीरता से प्रभावित करते हैं।
दोनों के उद्गम स्थल मस्तिष्क में एक जैसे ही हैं और दोनों को ही सीखना या प्राप्त करना पड़ता है। ये अपने आप नहीं बनते।
दोनों ही मनुष्य के जीवन में लम्बे समय तक बने रहते हैं और समय के साथ आने वाले बदलावों या परिवर्तनों से लड़ते भी रहते हैं।
कभी-कभी ये दोनों एक जैसे भी हो सकते हैं और साधारण प्रशासक या औसत इंसान इन दोनों को एक ही समझने की भूल भी कर सकते हैं।
मनोवृत्ति (attitude) एक जन्मजात स्थिति है, जिस पर चारों ओर के वातावरण का प्रभाव भी सापेक्ष दृष्टि से कम पड़ता है। इसे एक सीमा के बाद बदला नहीं जा सकता। इसके विपरीत अभिवृत्ति (aptitude) एक मूल्यात्मक स्थिति है, जो बहुत अधिक गहरी और स्थायी होती है। अभिवृत्तियाँ धीरे-धीरे निखर कर परिपक्वता को प्राप्त करती हैं और बहुत सारे प्रभाव उनमें बहुलता का अहसास भी करवाते रहते हैं। इसे भी आसानी से बदला या छोड़ा नहीं जा सकता।