मंत्रिमंडल का आकार उतना होना चाहिये कि सरकारी कार्य सही ढंग से हो सकें और उसको उतना बड़ा होना चाहिये कि प्रधानमंत्री द्वारा उसका एक टीम के रूप में संचालन किया जा सके। सरकार की दक्षता किस सीमा तक मंत्रिमंडल के आकार से प्रतिलोमत: संबंधित है? चर्चा कीजिये।
08 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
‘संविधान के अनुच्छेद 74 का जिक्र करते हुए उत्तर प्रारंभ करें-
मंत्रियों की संख्या कितनी होनी चाहिये, इसका कोई एक निश्चित आधार तय नहीं किया जा सकता है। हमारे संविधान का अनुच्छेद 74 जो मंत्रिपरिषद से संबंधित है, इसमें भी मंत्रिमपरिषद की कोई निश्चित संख्या या आकार का उल्लेख नहीं है।
विषय-वस्तु के पहले भाग में हम 91वें संविधान संशोधन की चर्चा करेंगे।
91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा, मंत्रिपरिषद के आकार को निश्चित कर दिया गया। इसके अनुसार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री समेत मंत्रियों की अधिकतम संख्या लोकसभा की कुल सदस्य संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। जहाँ तक मंत्रिमंडल के उचित आकार का सवाल है तो यह कई कारकों के आधार पर निश्चित किया जाता है। 1974 में बने प्रथम मंत्रिमडल में जहाँ 25 से भी कम मंत्री शामिल थे, वहीं वर्तमान सरकार में 70 से भी अधिक मंत्री हैं। सरकार का स्वरूप, गठबंधन का स्वरूप, सरकार के कार्य, कार्य की विविधता आदि इस अंतर के प्रमुख कारण हैं।
सरकार की कार्यशैली, उसकी तीव्रता, एकरूपता आदि कारकों पर मंत्रिमंडल की संरचना अर्थात् उसके आकार का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। यदि मंत्रिमंडल का आकर सामान्य से ज़्यादा बड़ा हो अथवा सामान्य से छोटा हो, तो दोनों ही स्थिति नकारात्म्क प्रभाव उत्पन्न करती है।
विषय-वस्तु के दूसरे भाग में हम मंत्रिपरिषद के सामान्य से बडे़ और छोटे आकार के नकारात्मक पक्षों पर चर्चा करेंगे-
सामान्य से बडे़ मंत्रिमंडल के दोष-
अगर मंत्रिमंडल का आकार सामान्य से छोटा है तो भी उसका नकारात्मक प्रभाव सरकार की कार्यशैली पर पड़ता है। इसके निम्नलिखित दोष हैं-
अंत में सारगर्भित, संक्षिप्त और संतुलित निष्कर्ष लिखें।
सरकार को अपने कार्यों की गुणवत्ता पूर्ण एवं सफल संचालन के लिये संतुलित मंत्रिमंडल का निर्माण करना चाहिये ताकि सरकार के कार्य में दक्षता एवं तेज़ी आए। इससे विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में उचित समन्वय बना रहता है एवं कार्य के बोझ या दोहरीकरण की समस्या से राहत मिलती है तथा लोकतांत्रिक विकास में सहायता मिलती है।