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प्रश्न :
क्या आप सहमत हैं कि बौद्ध आचार नीति अधिक मानवीय तथा पूरी तरह व्यक्तिवादी है?
09 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
बुद्ध ने लोगों की मनःस्थिति एवं उनकी आत्मा की अवस्था के आधार पर अपनी आचार नीति को प्रस्तुत किया। समाज जीव हत्या न करने एवं इसके निवारण के रूप में सजा देने का नियम बना सकता है, लेकिन बुद्ध का मानना है कि लोग तब तक जीव हत्या करना नहीं छोड़ेंगे जब तक कि वे घृणा न करने की सीख को समझ नहीं जाते। बुद्ध ने किसी भी अन्य दार्शनिक की तुलना में घृणा एवं आत्मा के अन्य अवरोधों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।
बुद्ध का मानना था कि अधिकांश लोग डर के अभाव में बुराई को अपनाते हैं। उनके अनुसार बुराई, प्राथमिक रूप से बचाव स्वरूप की जाती है, न कि उत्तेजना के रूप में। इस प्रकार की व्यक्तिनिष्ठ आचार नीति बताती है कि जब तक आंतरिक शांति नहीं होगी तब तक बाह्य शांति प्राप्त नहीं होगी।
बुद्ध की नैतिक आचार नीति भी अरस्तू के समान सभ्य है। अरस्तू के अनुसार केवल कुछ वर्ग के लोग ही नैतिक सदाचार का वरण करते हैं और एक अच्छे जीवन को प्राप्त करते हैं। बुद्ध की आचार नीति संतुलित और सामंजस्यपूर्ण आत्मा में विश्वास करती है।To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
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