- फ़िल्टर करें :
- सैद्धांतिक प्रश्न
- केस स्टडीज़
-
प्रश्न :
"एक महान व्यक्ति, एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अलग है क्योंकि वह समाज का सेवक बनने के लिये तैयार रहता है।"
12 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा-
- महान व्यक्ति व प्रतिष्ठित व्यक्ति के सामाजिक योगदान में अंतर को उल्लेखित करना है।
- अवतरण को स्पष्ट कर महान व प्रतिष्ठित व्यक्ति के अंतर को उल्लेखित करें।
- वर्तमान उदाहरण सहित अपने तर्क को बल प्रदान करें।
महानता और प्रतिष्ठा दो अलग-अलग मूल्य हैं। किसी व्यक्ति का प्रतिष्ठित होना इस बात का सूचक है कि एक समुदाय विशेष की नजर में वह एक अनुकरणीय व्यक्ति है। इस आलोक में प्रतिष्ठा एक सापेक्षिक मूल्य है। वहीं महान व्यक्ति पूरे समाज के मूल्यों एवं सिद्धांतों की तराजू पर तौला गया व्यक्तित्व होता है। वह समाज के सही मूल्यों की रक्षा करता है, नए मूल्यों के विकास को प्रोत्साहित करता है तथा रूढ़ हो चुके मूल्यों के उन्मूलन के लिये संघर्ष करता है। वह प्रत्येक परिस्थिति में समाज का सेवक बनने के लिये तत्पर रहता है। महानता वह रोशनी है जो समाज को नई दिशा देती है
वर्तमान में जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित व्यक्ति मिल जाते हैं, परंतु महान बनने के लिये जो प्रतिबद्धता और बलिदान की अपेक्षा व्यक्ति से होती है, ऐसा व्यक्तित्व मिलना दुर्लभ होता है।
उदाहरण के तौर पर मुकेश अम्बानी एक प्रष्ठित व्यवसायी हैं। देश के अन्य व्यवसायी व महत्त्वाकांक्षी युवा उनका अनुकरण करते हैं परंतु वे महानता की श्रेणी में नहीं आते। बाबा आम्टे को महान कहा जा सकता है क्योंकि वे सदैव सबकी सहायता के लिये तत्पर रहते थे। कुछ व्यक्तित्व ऐसे भी होते हैं जो प्रतिष्ठित भी होते हैं और महान भी; जैसे- बाबा भीमराव अम्बेडकर।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print