प्रशासनिक रूप से अवैध कार्यों का अपराध होना आवश्यक नहीं है। प्रशासनिक नैतिकता को स्पष्ट करते हुए इस कथन पर विचार करें।
27 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
प्रश्न की रूपरेखा:
|
प्रशसनिक नैतिकता का तात्पर्य उन मानदंडों से है जो यह बताते हैं कि नैतिकता की दृष्टि से प्रशासन में कौन सा कार्य किया जाना उचित है और कौन सा उचित नहीं है। उदाहरण के लिये प्रशासनिक नैतिक संहिता की दृष्टि से भ्रष्टाचार करना, किसी व्यक्ति से रिश्वत या उपहार लेना, चुनाव में पक्षपात करना, सार्वजनिक स्थान पर नशे में रहना, दहेज़ लेना तथा अपने प्रभाव से सरकार का आर्थिक नुकसान करवाना अवैध कार्य हैं।
कोई भी अनैतिक कार्य तभी अपराध माना जाएगा जब उसे विधि के तहत अपराध माना जाए और उसके पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हों। साक्ष्यों के अभाव में कोई कार्य अवैध हो कर भी अपराध नहीं होगा। उदाहरण के लिए भारत का बहुप्रसिद्द 2 जी स्कैम घोटाला सरकार के आर्थिक नुकसान से जुड़ा होने के कारण अवैध था, किन्तु साक्ष्यों के अभाव के कारण यह अपराध साबित नहीं हो पाया। यहाँ न्यायाधीश ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा - “ पैसे का लेन-देन साबित नहीं हो सका, इसलिए मैं सभी आरोपियों को बरी कर रहा हूँ।“
तत्कालीन सी.ए.जी. के अनुसार देश का सबसे बड़ा घोटाला मने जाने वाले 2जी स्कैम में आरोपियों का मुक्त हो जाना यह बताता है कि प्रशासनिक रूप से अवैध कार्यों का अपराध साबित होना आवश्यक नहीं है।