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प्रश्न :
आप एक पढ़ी-लिखी और खुले विचारों की महिला हैं। एक बार आप अपने पति और 12 वर्षीय पुत्र के साथ खजुराहो के ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करती हैं। वहाँ कामसूत्र पर आधारित मूर्तियों को देखकर आपका पुत्र आपसे पूछता है कि ये किस प्रकार की मूर्तियाँ हैं। अचानक पूछे गए इस प्रकार के प्रश्न से आप और आपके पति स्तब्ध रह जाते हैं। आप बात को टालने के लिये कहती हैं कि घर चल कर इस बारे में पढ़कर आप उसे अच्छे से बताएंगी। वापस घर आने पर एक बार पुनः वह आपसे वही प्रश्न पूछता है। (a) आपके पास क्या-क्या विकल्प उपलब्ध हैं? आप कौन-से विकल्प का चयन करेंगी और क्यों? (b) उक्त प्रकरण के आधार पर समाज में यौन शिक्षा की आवश्यकता और इसमें विभिन्न वर्गों की भूमिका पर टिप्पणी करें।
29 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
(a) यह एक जटिल सामाजिक एवं पारिवारिक समस्या है तथा उक्त परिस्थिति बच्चों में बढ़ती जागरुकता तथा यौन शिक्षा पर परिवार तथा समाज में फैली बुराइयों के बीच द्वंद्व के वातावरण का निर्माण करती है। बच्चे बड़े हो रहे हैं और आधुनिक शिक्षा सोपानों के साथ आगे बढ़ते हैं, जिसमें उठने वाली जिज्ञासाओं के समाधान के लिये प्रेरित किया जाता है, परंतु दूसरी तरफ यौन विषयों को लेकर चली आ रही आयुर्वेदिक समस्याओं के कारण उन्हें इन विषयों पर सही जानकारी नहीं मिल पाती है। इन द्वंद्वात्मक परिस्थितियों में निम्नलिखित विकल्पों पर विचार किया जा सकता है-
- बालक के प्रश्नों को किसी प्रकार से टाल दिया जाए।
- उन्हें परीलोक एवं अलग तरह की बातों से संतुष्ट किया जाए।
- उन्हें यौन शिक्षा तथा खजुराहो की कला के बारे में बताया जाए।
विकल्प 1: इस विकल्प को अपनाने से बचने की कोशिश करनी चाहिये, क्योंकि बालक अन्य स्रोतों से जानकारी हासिल करने का प्रयास करेगा, जो अधिकांश परिस्थितियों में सही एवं उचित नहीं होगा।
विकल्प 2: इस विकल्प का प्रयोग करना भी 12 वर्ष के बालक के लिये उचित नहीं होगा, क्योंकि वर्तमान में इंटरनेट तथा हम उम्र से उसे इस बारे में गलत जानकारी मिलने की संभावना अधिक रहती है।
विकल्प 3: मेरे अनुसार यह बेहतर विकल्प होगा, क्योंकि इस विकल्प से दो लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। पहला, शिक्षा के द्वारा अश्लीलता एवं सामाजिक नैतिकता का अंतर पता चल सकेगा। दूसरा, संस्कृति में यौनिकता का प्रयोग हमेशा यौन-कुंठा का रूप नहीं होता है।बच्चों की जिज्ञासा का तार्किक समाधान उन्हें आत्मविश्वास से भरेगा तथा आने वाले समय में अन्य जिज्ञासा एवं समस्याओं को बताने की हिम्मत कर सकेंगे।(b) वर्तमान में बच्चों को यौन शिक्षा दिये जाने का प्रावधान हो रहा है जो अभी भी तार्किक स्तर पर नहीं पहुँचा है। यौन शिक्षा के समक्ष कई चुनौतियाँ हैं, जैसे-
- यौन शिक्षा देने की न्यूनतम उम्र क्या हो?
- यौन शिक्षा देने की उच्चतम सीमा क्या हो और यौन शिक्षा के माध्यम से क्या-क्या बताया जाए?
- यौन शिक्षा किसके द्वारा दी जाए? परिवार द्वारा, समाज द्वारा या स्कूल द्वारा?
सूचना प्रौद्योगिकी के युग में जहाँ सूचनाएँ आसानी से प्रेषित हो रही हैं तथा इंटरनेट बच्चों की आसान पहुँच है, ऐसे में उन्हें परिवार स्कूल तथा समाज द्वारा मिलने वाली उचित एवं तथ्यात्मक यौन-शिक्षा चोरी-छिपे व गलत तरीके से हासिल करने से रोकेगी।
यौन शिक्षा परिवार, स्कूल तथा समाज तीनों के द्वारा दी जाने दी जा सकती है, परंतु यौन शिक्षा शारीरिक एवं मानसिक बदलाव को अपने में समेटती है, ऐसे में परिवार तथा स्कूल इसे बेहतर तरीके से प्रदान कर सकते हैं।उठाए जाने वाले प्रमुख कदम:
- बच्चों को उनके शारीरिक बदलाव तब परिवार एवं अन्य व्यक्तियों के द्वारा उस संबंध एवं व्यवहार के बारे में बताकर यौन-शिक्षा दी जा सकती है।
- किसी अपरिचित व्यक्ति से किस प्रकार का व्यवहार होना चाहिये यह बताकर उन्हें यौन हमलों से सुरक्षित किया जा सकता है।
- उन्हें अपनी सुरक्षा हेतु सर्वप्रथम मदद के लिये कैसे बनाना चाहिये ताकि इस प्रकार की हरकतें यौन हमले या यौन अपराध की श्रेणी में आती हैं बच्चों को बताकर यौन शिक्षित किया जा सकता है।
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