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प्रश्न :
सुशासन की मुख्य विशेषताओं को बताएँ तथा सुशासन में नागरिक समाज की भूमिका का उल्लेख करें।
08 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- सुशासन की मुख्य विशेषताओं को बताएँ।
- सुशासन में नागरिक समाज की भूमिका को बताएँ।
सामान्य अर्थों में सुशासन का तात्पर्य जनता के प्रति उत्तरदायी एक अच्छे शासन से है।व्यवहार में इसका संबंध उन सभी प्रक्रियाओं से है; जिनके द्वारा समाज में ऐसे वातावरण का निर्माण किया जाता है जिसमें सभी व्यक्तियों को उनकी क्षमता के अनुरूप उत्कृष्टता की ओर बढ़ने का मौका मिले।
योजना आयोग तथा विश्व बैंक जैसी संस्थाओं द्वारा सुशासन की विशेषताओं को स्पष्ट किया गया है। सुशासन की मुख्य विशेषताओं को निम्नलिखित रूप में देखा जा सकता है-
- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और सत्ता का लोकतांत्रिक हस्तांतरण।
- सरकारी संस्थाओं की जवाबदेहिता तथा पारदर्शिता।
- सत्ता का विकेंद्रीकरण तथा प्रशासन में जनता की भागीदारी।
- सामाजिक-आर्थिक सेवाओं की समयबद्ध उपलब्धता।
- प्रशासन की मितव्ययता तथा कार्यकुशलता।
- प्रशासन में नैतिकता।
- विधि के शासन की स्थापना।
- समाज के वंचित वर्गों के हितों का संवर्धन।
- पर्यावरण की दृष्टि से धारणीय विकास पर बल ।
नागरिक समाज का तात्पर्य सरकार तथा व्यावसायिक संगठनों से इतर ऐसे सामाजिक संगठनों से है जो स्वेच्छा तथा सामाजिक कल्याण की भावना से जनता की सेवा करते हैं। गैर सरकारी संगठन, उपभोक्ता संगठन, पर्यावरणीय समूह तथा सामाजिक उद्देश्य से निर्मित सहकारी संगठन नागरिक समाज के उदाहरण है।
वर्तमान में एक लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को लागू करने में इनकी भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। ये संगठन जनता से जुड़कर जनता की वास्तविक इच्छा को सरकार के सामने रखते हैं और शासन में जनभागीदारी को बढ़ावा देकर सुशासन की अवधारणा को लागू करते हैं। पारदर्शिता की दिशा में मील का पत्थर माने जाने वाला सूचना का अधिकार कानून, सिविल सोसाइटी के सूचना अधिकार आंदोलन का ही परिणाम है। इसके अलावा प्रसिद्ध लोकपाल बिल को पारित किये जाने में भी अन्ना हजारे के नेतृत्व में सिविल सोसाइटी ने अहम योगदान दिया है। ये जनता को सरकारी नीतियों, कार्यक्रम और कमियों से परिचित करा कर शासन में जवाबदेहिता को भी बढ़ाते हैं। नैतिक रुझानों से प्रतिबद्ध होने के कारण कई निःस्वार्थ संगठन प्रशासन में नैतिक मूल्यों की स्थापना भी करते हैं। इसके अलावा गैर-सरकारी संगठन के रूप में सरकार की कई योजनाओं का कुशल क्रियान्वयन कर ये प्रशासन की गुणवत्ता भी बढ़ाते हैं। उदाहरण के लिये झारखंड में प्रदान संस्था के द्वारा प्रधानमंत्री आजीविका मिशन का क्रियान्वयन अत्यंत कुशलता के साथ किया गया है।
स्पष्ट है कि सुशासन में नागरिक समाज की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
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