क्या किसी सैनिक अथवा सरकारी कर्मचारी का मीडिया के माध्यम से सरकार के विरुद्ध शिकायत करना उचित है? चर्चा करें।
10 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नइंटरनेट के बढ़ते प्रयोग से सोशल मीडिया अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। ऐसे समय में सरकारी कर्मचारियों तथा सैनिकों के द्वारा इसका प्रयोग अपने अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत करने के लिये भी किया गया है। उदाहरण के लिये, हाल ही में एक सेवानिवृत्त बीडीओ द्वारा अपने अधिकारियों की शिकायत तथा पिछले वर्ष भारतीय सेना के जवान तेज बहादुर के द्वारा पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार की शिकायत को देखा जा सकता है।
यहाँ दो मुद्दे महत्त्वपूर्ण हैं- प्रथम, सरकारी कर्मचारियों तथा सेना के जवानों के मौलिक अधिकार का मामला तथा दूसरा, सरकार तथा सेना में अनुशासन बनाए रखने का मुद्दा। इन दोनों के बीच का द्वंद्व यहां नैतिक दुविधा की स्थिति को उत्पन्न करता है।
सामान्यतः नैतिकता की दृष्टि से अपने साथ किये गए अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना किसी व्यक्ति के लिये उचित है। हमारे संविधान के अनुच्छेद 19 में भी अभिव्यक्ति के अधिकार को महत्त्व प्रदान किया गया है। इस दृष्टि से देखा जाए तो सरकारी कर्मचारियों द्वारा अन्याय के विरुद्ध सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज उठाया जाना उचित जान पड़ता है।
किंतु हमारी अभिव्यक्ति की आजादी असीमित नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 19(2) के अनुसार लोक व्यवस्था तथा देश की सुरक्षा पर खतरा आने की स्थिति में इसे प्रतिबंधित किया जा सकता है। सरकारी अधिकारियों द्वारा मीडिया के माध्यम से सरकार के विरुद्ध शिकायत करने पर लोगों का लोक व्यवस्था पर विश्वास कमजोर होगा, वहीं सैनिकों के द्वारा आवाज उठाए जाने से इसका प्रयोग शत्रु देश अपने हितों को साधने के लिये भी कर सकते हैं। इससे भारत की सुरक्षा पर खतरा बढ़ेगा। साथ ही आंतरिक अनुशासन को बनाए रखने की दृष्टि से भी मीडिया के माध्यम से शिकायत करना उचित नहीं। इसके अलावा इसका प्रयोग जानबूझकर लोक व्यवस्था को प्रभावित करने के लिये भी किया जा सकता है। इसके अलावा सेना की विशेष परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए हमारे संविधान के अनुच्छेद 33 में सेना के अधिकारों को प्रतिबंधित करने की बात भी की गई है। अतः सामान्य परिस्थिति में सरकारी कर्मचारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत करने से बचना चाहिये।
जहाँ तक उनकी मौलिक अधिकारों का प्रश्न है सरकारी तंत्र तथा सेना में आंतरिक रुप से शिकायत दर्ज करवाने के प्रावधान किये गए हैं। इन नियमों के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी शिकायत दर्ज करवाकर अपने मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित कर सकता है।