"सदैव इस प्रकार कार्य करो कि तुम भी इच्छा कर सको कि तुम्हारे कार्य का चरम सार्वभौमिक कानून हो जाए।"
01 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नकांट के मूलदर्शन के अनुसार अपने कर्त्तव्य का पालन पूर्ण कर्त्तव्यनिष्ठा से करना चाहिये ताकि किसी भी परिस्थिति में यह कर्त्तव्य पूर्णतया नैतिक कार्रवाई ही दृष्टिगत हो। यह उन सभी कार्यवाहियों का निषेध करता है जिन्हें सन्दर्भ व परिस्थितियों के अनुसार नैतिक या अनैतिक ठहराया जाता है। यह धारणा ‘झूठ बोलने’ जैसे अनैतिक कार्यों को करने के लिये पूर्णतया मना करती है।
वर्तमान प्रणाली में लैंगिक समानता मूल्य (Gender parity value) को दिये हुए कथन से समझा जा सकता है। कुछ देशों में राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं में समानता की मनाही है और इसे वह अपने सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश के आधार पर तार्किक ठहराते हैं। उदाहरण के लिये 2015 तक सउदी अरब की महिलाओं को वोट डालने का अधिकार नहीं था।
किसी को भी अपने कार्यों को उचित नहीं ठहराना चाहिये यदि वह राजनैतिक स्तर पर महिलाओं के 33% आरक्षण को समर्थन देता हो परंतु सामाजिक तौर पर "लड़के, लड़के है" उन्हें बलात्कार के लिये दण्ड नहीं दिया जाना चाहिये "जैसी असंवेदनशील टिप्पणी करें। नैतिक रूप से न्यायसंगत कर्त्तव्यों को समतावादी होने के साथ सभी क्षेत्रों में लागू किया जाना चाहिये।