संसार के इतिहास में अशोक इसलिये विख्यात है कि उसने मानव की नैतिक उन्नति के लिये निरंतर प्रयास किया। स्पष्ट कीजिये।
08 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नभारत के मध्य-प्राचीन शासकों में अशोक का नाम सबसे उल्लेखनीय है। कलिग युद्ध में हुए नरसंहार तथा विजित देश की जनता के कष्टों से अशोक की अंतरात्मा को तीव्र आघात पहुँचा। इसी घटना के पश्चात् अशोक ने लोगों के सामाजिक नैतिक उत्थान के लिये निरंतर कार्य किया। जिन सिद्धांतों के पालन से यह नैतिक उत्थान संभव था, अशोक के लेखों में उन्हें ‘धम्म’ कहा गया है। दूसरे तथा सातवें स्तंभ लेखों में अशोक ने धम्म की व्याख्या इस प्रकार की है- “धम्म- साधुता है, बहुत से कल्याणकारी कार्य करना, पाप रहित होना, दूसरों के प्रति व्यवहार में मधुरता, दया दान तथा शुचिता का पालन करना है।”
अपनी धम्म नीति के तहत अशोक शांति और अहिंसा को बढ़ावा देता है। साथ ही अपने प्रथम शिलालेख में जीव हत्या पर प्रतिबंध लगाया और आदेश दिया कि कोई बलि नहीं दी जाए। अशोक ने अपने धम्म के माध्यम से प्रजा को संबोधित करते हुए कहा कि वे माता-पिता तथा बड़ों की आज्ञा माने, गुरुजनों के प्रति आदर भाव रखें, मित्र परिचितों, संबंधियों ब्राह्मण तथा श्रमणों के प्रति दानशीलता तथा उचित व्यवहार रखें। इस तरह अशोक की धम्म नीति से जनता की नैतिकता में वृद्धि हुई और लोक व्यवस्था को बनाए रखना आसान हो गया।
धम्म के सिद्धांतों का अनुसरण करने के संबंध में कोई संदेह नहीं रह जाता है कि यह मानव के सर्वांगणीय विकास हेतु एक आवश्यक तत्त्व था।