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प्रश्न :
भारतीय डाक सेवा को निजी कंपनियों से बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है और यह अपने अस्तित्व के लिये लड़ रही है। सोनिया, भारतीय डाक वितरण विभाग की नगर प्रमुख है। अजय, हाल ही में डाक सेवा में शामिल हुए हैं और सोनिया के विभाग में काम कर रहे हैं। अजय को भविष्य में डाक सेवा में कोई विकास नहीं दिख रहा है और वह अपनी नौकरी से असंतुष्ट हैं। इसीलिये अजय अपने काम के प्रति गंभीर नहीं हैं और वह प्रेषित माल को समय पर नहीं पहुँचा रहे हैं। ग्राहक नियमित रूप से इस बारे में शिकायत कर रहे हैं। जब सोनिया ने अजय से पूछताछ की तो उसने गैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार दिखाया और अपनी गलतियों को स्वीकार करने की बजाय दूसरों पर आरोप लगाया तथा यह क्रम पिछले दो महीने से चल रहा है। किसी भी आलोचना के लिये अजय की सामान्य प्रतिक्रिया है कि यह उसकी गलती नहीं है। उसका व्यवहार विभाग में सबके लिये अस्वीकार्य हो गया है और वह किसी भी काम की ज़िम्मेदारी कभी नहीं लेता। अजय के व्यवहार और कार्यों से अन्य सदस्य नैतिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं तथा यह विभाग में काम के माहौल को खराब कर सकता है। ऐसी स्थिति में सोनिया के लिये नीचे दिये गए कुछ विकल्प हैं। इन विकल्पों का विश्लेषण करें। (a) क्या सोनिया को अजय की सेवा से बर्खास्तगी के लिये सिफारिश करनी चाहिये? (b) अजय को किसी अन्य विभाग में स्थानांतरित करने के विचार का क्या आप समर्थन करते हैं? (c) आपकी राय में सोनिया को क्या करना चाहिये?
20 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
(a) नए कर्मचारी अजय का व्यवहार गैर-ज़िम्मेदाराना है और यह काम के प्रति उसके दृष्टिकोण को दर्शाता है। विभाग के किसी भी मुखिया को इस तरह का एक गैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार स्वीकार नहीं होगा। यह अन्य कर्मचारियों की नैतिकता को भी प्रभावित करता है। अजय सोनिया के विभाग के तहत काम कर रहे हैं, यहाँ सोनिया की अपने अधीनस्थों के साथ-साथ संगठन के प्रति भी कुछ ज़िम्मेदारी है।
यहाँ पर कतई अजय का व्यवहार स्वीकार्य नहीं हैं। अजय के व्यवहार का संगठन में काम कर रहे बाकी लोगों पर असर पड़ता है और इससे संगठन के काम का माहौल खराब हो जाता है। सबसे पहले सोनिया को अजय को उनकी ज़िम्मेदारियाँ निभाने में मदद करनी चाहिये। उन्हें अजय के व्यवहार के कारणों को समझने और काम के प्रति उनके दृष्टिकोण और व्यवहार को बदलने की कोशिश करनी चाहिये। अजय का व्यवहार न तो संगठन के हित में है और न ही खुद के हित में, इस बात का एहसास करवाना चाहिये। सोनिया को अजय के व्यवहार को बदलने के लिये हरसंभव कदम उठाने चाहिये।
अगर उन्हें डाक सेवा में अपने भविष्य के विकास को लेकर समस्या है, तो सोनिया को डाक सेवा में कैरियर के विकास के बारे में उन्हें समझाने की कोशिश करनी चाहिये। इसके बावजूद वह असंतुष्ट हैं तो वह इस्तीफा देने के लिये उन्हें पूछ सकती हैं।
अजय का वही व्यवहार सोनिया के सारे प्रयासों के बाद भी जारी रहा तो सोनिया के पास उनकी बर्खास्तगी के लिये सिफारिश करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचता है, लेकिन यह अंतिम विकल्प होना चाहिये।
(b) नई भर्ती अजय को दूसरे विभाग में स्थानांतरण करना संगठन के हित की दृष्टि से हानिकारक है। अजय केवल एक विभाग के ही सदस्य नहीं, बल्कि पूरे संगठन के सदस्य हैं और हर सदस्य की अखंडता से ही संगठनात्मक अखंडता बनती है।
अगर सोनिया अजय को दूसरे विभाग में स्थानांतरण के लिये सिफारिश करती हैं तो अजय अपने व्यवहार से उस विभाग के भी माहौल को खराब कर सकते हैं। इससे अंततः संगठन की प्रभावशीलता पर ही असर पड़ेगा। यहाँ स्थानांतरण के लिये सिफारिश करने का मतलब सोनिया द्वारा अपनी ज़िम्मेदारी को किसी दूसरे पर डालना होगा। इसलिये संगठन के हित की दृष्टि से स्थानांतरण के लिये सिफारिश करना अच्छा विकल्प नहीं माना जाता है।
(c) अजय सोनिया के अधीनस्थ हैं, सोनिया को न्यायोचित होकर इस विषय को हल करना चाहिये। उनके साथ अनौपचारिक वार्ता के लिये प्रयास करना चाहिये। अजय को किसी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो उनकी मदद करने की कोशिश करनी चाहिये।
अपने विभाग में अनुकूल माहौल बनाकर रखना यह सोनिया की ज़िम्मेदारी है। उनके सारे प्रयासों के बाद भी अजय अपना पुराना व्यवहार जारी रखे तो सोनिया को अजय की बर्खास्तगी के लिये सिफारिश करनी चाहिये।To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
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