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प्रश्न :
आप अपने विभाग में पी.एच.डी. कर रहे एक छात्र के गाइड हैं। वह छात्र किसी अन्य विभाग में कुछ कक्षाएँ कर रहा है जिसके लिये लिखित निबंधों की आवश्यकता है। वह इन्हें जमा करने से पहले आपसे अपने निबंध पढ़ने के लिये कहता है। आप सामान्य तौर पर उसके कार्य की गूगल पर जाँच करते हैं और पाते हैं कि एक बड़े अंश को वेब से अक्षरशः उठाया गया है और किसी प्रकार का उद्धरण चिह्न या अवतरण नहीं दिया गया है। (a) आपके समक्ष क्या विकल्प उपलब्ध हैं? प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन कीजिये और कारण बताते हुए सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चयन कीजिये। (b) दुर्भाग्यपूर्ण रूप से यह सत्य है कि कई छात्र यह नहीं समझते हैं कि वेब पर उपलब्ध सामग्री मुक्त नहीं है लेकिन मुद्रित सामग्री में प्रयुक्त समान उद्धरण संरचना के प्रति जानकारी होनी आवश्यक है। क्या इसका उल्लंघन करने के लिये कानून की अनभिज्ञता एक बचाव हो सकता है? समीक्षा कीजिये।
22 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
(a) मेरे पास निम्नलिखित विकल्प हैं-
- प्रथम, मैं समस्या की उपेक्षा कर निबंध को जमा कर दूंगा। इससे संदर्भित छात्र के कार्य में रुकावट नहीं आएगी, परंतु यह ईमानदार छात्रों के मनोबल को कम कर सकता है। अतः यह विकल्प त्याज्य है।
- दूसरे विकल्प के तौर पर, मैं दूसरे विभाग के सबंधित प्रशिक्षक से संपर्क कर समस्या पर चर्चा करूंगा। इससे मेरी ईमानदार छवि को बल मिलेगा परन्तु अन्य विभाग के समझ मेरे विभाग की साख को नुकसान पहुँच सकता है। यह मेरे विभागीय उत्तरदायित्व की अवहेलना करता है। अतः यह विकल्प भी अधिक उचित नहीं है।
- तीसरे विकल्प के तौर पर, अपने विभाग के प्रमुख को इस विषय में सूचित करूंगा। इससे विभागीय गोपनीयता को बनाए रखने में मदद मिलेगी परन्तु यह छात्र की प्रथम गलती है। अतः उसे अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिल सकेगा। अतः यह विकल्प भी पूर्णतया सही नहीं है।
- चतुर्थ विकल्प के तौर पर, मैं शुरुआत में किसी को बताए बिना संबंधित छात्र को विषय की गंभीरता समझाऊंगा तथा उसे सही करने में उसकी सहायता करूंगा। मेंटर होने के नाते यह मेरा कर्त्तव्य है कि मैं छात्र को सही दिशा दिखाऊँ और साथ ही इसे एक सीखने की प्रक्रिया मानते हुए उसे अपनी गलती सुधारने का मौका दूं।
इन चारों विकल्पों में अन्तिम विकल्प सर्वोत्तम है। यह एक तरफ छात्रों के प्रति शिक्षक के कर्त्तव्य को संरक्षित करता है, वहीं छात्र में सही मूल्यों के सवंर्धन में सहायता करेगा। इस परिस्थिति में यही विकल्प सही उदाहरण प्रस्तुत करता है।
(b) वैसे, कानून की अज्ञानता उसे तोड़ने की अनुमति प्रदान नहीं करती है क्योंकि कई मामलों में कानून तोड़ने की मंशा नहीं होती है। यह भी संभव है कि यह छात्र जानता है कि वह ‘धोखा’ दे रहा है, परन्तु अज्ञानता का दावा कर, अपने कृत्य के परिणाम से बचने की उम्मीद कर रहा है। इसलिये, अज्ञानता सजा की गंभीरता को कम कर सकती है परन्तु यह पूर्ण राहत का आधार नहीं हो सकती है। ऐसी परिस्थितियों में ‘कार्य के इरादे के आधार पर’ प्रत्येक मामले का मूल्यांकन अलग-अलग किया जाना चाहिये।
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