अन्य देशों की तुलना में क्या सेबी का क्षमता निर्माण कार्यक्रम, भारत में सफ़ेदपोश अपराध से निपटने में कारगर सिद्ध हो सकेगा? विश्लेषणात्मक टिप्पणी कीजिये।
08 Sep, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा
|
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) भारत में एक बाज़ार नियामक तथा प्रतिभूति और वित्त का विनियामक बोर्ड है जिसकी स्थापना 12 अप्रैल, 1992 में की गई थी। इसका मुख्यालय मुंबई में है तथा नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं। पूंजी बाज़ार के नियामक और प्रबंधक के रूप में इसकी भूमिका सफ़ेदपोश अपराधों के लिये विशेष महत्त्व रखती है लेकिन अन्य देशों की तुलना में सेबी की शक्तियाँ कम और कार्यभार ज्यादा है, इसे निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं :
भले ही सूचीबद्ध फर्मों में कॉर्पोरेट गवर्नेंस की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले अन्य सभी कारक भारत और अमेरिका में समान रहते हैं, लेकिन SEBI में 780 कर्मचारियों में से प्रत्येक को निगरानी कार्य करने में सक्षम होने के लिये और अति मेहनती होना होगा, जिसके लिए सेबी के क्षमता निर्माण की आवश्यकता है। अतः टी.के. विश्वनाथन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को सफ़ेदपोश अपराध (white-collar crimes) रोकने के लिये व्यापक शक्तियाँ प्रदान करने की अनुशंसा की है।
गौरतलब है कि सफ़ेदपोश अपराधी पूंजी बाज़ारों में छोटे निवेशकों के कमज़ोर विश्वास को नुकसान पहुँचाकर पूंजी निर्माण की प्रक्रिया में बाधा डालते हैं। साथ ही, भारतीय पूंजी बाज़ारों में समय-समय पर होने वाले घोटाले भी शेयर बाज़ारों पर हानिकारक प्रभावों को स्पष्ट करते हैं। अतः इक्विटी पूंजी बाज़ारों के विनियमन के लिये सफेदपोश अपराधियों को अनुमान के आधार पर दंडित करने और ऐसे अपराधों की वास्तविक पहचान, निगरानी और प्रवर्तन की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, कई उच्च स्तरीय समितियों द्वारा की गई अनेक उत्कृष्ट सिफारिशों की प्रभावकारिता मुख्य रूप से SEBI की प्रवर्तन क्षमताओं पर निर्भर करती है।
हाल के दिनों में SEBI के कई प्रवर्तन आदेशों के बावज़ूद ये क्षमताएँ सुर्ख़ियों में रहीं, अतः इन अनियमितताओं का पता लगाने के लिये SEBI को स्वयं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही कुछ और उपाए भी अपनाए जा सकते हैं :
शासन ने अक्सर ही प्रभावी कानूनों, चाहे वे कॉर्पोरेट, राजनीतिक या सामाजिक हों, के प्रभावी अधिनियमन पर कम ध्यान दिया है जिस कारण समाज में सफ़ेदपोश अपराधों को अपनी जड़ जमाने का पर्याप्त अवसर मिला है परंतु सेबी के क्षमता निर्माण के साथ ही उपर्युक्त उपायों को अपनाकर इन अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।