परीक्षण कीजिये कि आदर्श व्यक्तित्व (रोल मॉडल), नैतिक व्यवहार को कैसे प्रभावित करते हैं? अपने संगठनों में नैतिक आचरण समाहित करने के लिये नेतृत्वकर्त्ताओं द्वारा क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- आदर्श व्यक्तित्व (रोल मॉडल) कौन होते हैं?
- रोल मॉडल नैतिक व्यवहार को कैसे प्रभावित करते हैं?
- किसी नेतृत्वकारी संगठन में नैतिक आचरण को समाहित करने की रूपरेखा प्रस्तुत करें?
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रोल मॉडल वह व्यक्ति है जो किसी और के द्वारा आदरणीय और श्रद्धेय होता है। वह ऐसा व्यक्ति है जिसकी तरह दूसरे व्यक्ति या तो वर्तमान में या भविष्य में बनने की अभिलाषा रखते हैं। एक रोल मॉडल ऐसा कोई हो सकता हैं जिसे आप जानते हैं और नियमित आधार पर उसके साथ बातचीत करते हैं या कोई ऐसा जिससे आप कभी नहीं मिले, जैसे कि कोई प्रसिद्ध व्यक्ति (celebrity)। सामान्यतः रोल मॉडल में ख्यातिप्राप्त अभिनेता/अभिनेत्री, लोकप्रिय व्यक्ति जैसे कि पुलिस या राजनीतिज्ञ, शिक्षक या अन्य शिक्षाविशारद और माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्य सम्मिलित होते हैं। ये लोगों के नैतिक व्यवहार को आकार देने में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विभिन्न रोल मॉडल भिन्न-भिन्न तरीकों से नैतिक व्यवहार को प्रभावित करते हैं:
- प्राथमिकताएँ और सिद्धांत जो कि किसी व्यक्ति का रोल मॉडल अपने दैनिक जीवन में प्रदर्शित करता है अवचेतन एकीकरण के माध्यम से हस्तांतरित कर दिये जाते हैं। रोल मॉडल की सफलता और असफलताओं से मिली परोक्ष शिक्षा नैतिक और गैर-नैतिक कार्यों के परिणामों को सीखने में मदद करती है। उदाहरण के लिये यदि माता-पिता अपने प्रतिदिन के जीवन में ईमानदार हैं, तो बच्चों द्वारा आचरण में ईमानदारी का अनुकरण किया जाता है।
- चूँकि रोल मॉडल हमारे आदर्श रहे हैं, तो उनके नैतिक और अनैतिक सिद्धांत हमारे द्वारा आत्मसात् किये जाते हैं। उदाहरण के लिये धार्मिक नेताओं द्वारा धार्मिक ग्रंथों की उनकी व्याख्या समाज में नैतिक व्यवहार को प्रभावित करती है। दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न चर्चों के नेतृत्व ने रंगभेद को कायम रखने और इसका विरोध करने दोनों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी तरह खिलाड़ी व्यवहार के कुछ मानकों को प्रोत्साहित करने में एक प्रभावशाली भूमिका निभाते हैं। जहाँ एक ओर वे अनुशासन, सहयोग और स्वास्थ्य के आदर्शों की शिक्षा देते हैं वहीं मैच फिक्सिंग या डोपिंग में उनकी भागीदारी एक गलत संदेश भी प्रस्तुत करती है।
एक संगठनात्मक विन्यास में नेतृत्वकर्त्ता अधिकार और उत्तरदायित्वों को धारण करते हुए संगठनात्मक प्रक्रियाओं को ऐसे मोड सकता है जिससे कर्मचारियों के विचार और व्यवहार पर असर पड़े। इस प्रकार उनमें अपने संगठन में नैतिक व्यवहार को समाहित करने के उत्तरदायित्व के साथ ही क्षमता भी है। इसे निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता हैः
- संगठन के नैतिक कोड की समीक्षा। क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं के बीच स्पष्ट रूप से भेद। सत्यनिष्ठा, सम्मान, ईमानदारी और सभी के साथ निष्पक्षता के आधार पर नैतिक मानकों को सुनिश्चित करना।
- ध्येय वाक्य और संगठन के बुनियादी मूल्यों की स्थापना। शब्दों और कार्यों के माध्यम से प्रत्येक कर्मचारी और ग्राहक से लक्ष्य और बुनियादी मूल्यों का संचार करना।
- उदाहरण के द्वारा प्रेरित करना– यदि उसके अपने कार्य और निर्णय नैतिक है, तो यह उसके कर्मचारियों के कार्यों में भी भली-भाँति परिलक्षित होगा।
- यह सुनिश्चित करना कि संगठन प्रतिभायुक्त (meritocratic) सिद्धांतों पर आधारित हो और भाई-भतीजावाद हतोत्साहित हो। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना कि वहाँ हितों का कोई टकराव न हो।
- एक आचार पैन की स्थापना जो कि संगठनात्मक नैतिकता के उल्लंघन और संदिग्ध फैसलों की समीक्षा करेगा। यह न निर्णयन के दौरान कर्मचारियों को दबावयुक्त कर सकता है।