उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- नैतिक दुविधा का अर्थ।
- निजी संस्थानों में नैतिक दुविधा।
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नैतिक दुविधा (Ethical Dilemma) उस जटिल परिस्थिति को कहते हैं, जब किसी व्यक्ति के पास दो या दो से अधिक विकल्प हों और वे विकल्प एक-दूसरे से पूर्णतः अलग हों अर्थात् उन्हें साथ-साथ न चुना जा सकता हो, परंतु किसी एक विकल्प को चुनना अनिवार्य हो अर्थात् निर्णय को टाला न जा सकता हो और सारे विकल्प ऐसे हों कि किसी को भी चुनकर पूर्ण संतुष्टि मिलना संभव न हो।
निजी संस्थानों की नैतिक दुविधा:
मालिकों की दुविधाएँ-
- कंपनी का लाभ अधिकतम स्तर तक ले जाने की कोशिश की जाए या इस पक्ष को सीमित रखते हुए सामाजिक दायित्व निभाने पर विशेष बल दिया जाए। जैसे- एक कंपनी के पास दो तकनीकी विकल्प हैं– तकनीक ‘क’ प्रयोग करने से कंपनी का लाभ 2 प्रतिशत बढ़ता है, किंतु आसपास के पर्यावरण को 20 प्रतिशत से अधिक का नुकसान होता है। तकनीक ‘ख’ से पर्यावरण को हानि नहीं होती परंतु उसकी लागत अधिक है। तब कंपनी को क्या करना चाहिये?
- अगर कर्मचारियों के हितों और व्यापक सामाजिक हितों में अंतर्विरोध हो तो किसे प्राथमिकता दी जानी चाहिये? जैसे कंपनी आर्थिक रूप से समृद्ध है और हर कर्मचारी के केबिन में वातानुकूलित यंत्र लगवा सकती है और ऐसा करने में उसे झिझक भी नहीं है। किंतु उस इलाके में बिजली की आपूर्ति काफी कम है और यहाँ इतने वातानुकूलन यंत्र चलने का मतलब है कि कई घरों में पंखा भी नहीं चलेगा। ऐसे में किनके हितों को वरीयता दी जानी चाहिये?
- कर्मचारी को चुनते समय सिर्फ योग्यता को महत्त्व दिया जाए या सामाजिक न्याय जैसे नैतिक पक्षों का भी ध्यान रखा जाए।
- अगर दो कर्मचारियों में से एक अधिक योग्य किंतु कम नैतिक है जिसके बिना कार्यालय की परियोजनाएँ पूरी नहीं हो पाती, जबकि दूसरा बेहद ईमानदार किंतु कुछ कम योग्य है तो इनमें से किसके कार्य या महत्त्व को प्राथमिकता देनी चाहिये।
- क्या ग्राहक को अपने उत्पादों की सारी अच्छाइयाँ व कमियाँ ईमानदारी से बताई जाएँ, विशेषतः तब जब आपके प्रतिस्पर्द्धी इतने ईमानदार न हों?
कर्मचारियो की दुविधाएँ-
- अपना हित बनाम कंपनी का हित।
- अच्छा काम बनाम उच्च कर्मियों से अच्छे संबंध।
- अगर प्रतिस्पर्द्धी कंपनी कोई ऐसा प्रस्ताव दे जिसमें आर्थिक लाभ ज्यादा हो और वह प्रस्ताव इसलिये दिया जा रहा हो कि यह कर्मचारी इस कंपनी के अस्तित्व के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है तो कर्मचारी को अपनी निष्ठा किसके प्रति रखनी चाहिये?