भारत की कार्यपालिका में अधिकारी वर्ग एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ है, जो संवैधानिक उद्देश्यों की प्राप्ति में महत्त्वपूर्ण सहयोगी है। हालाँकि इसके लिये सिविल सेवक में लोकतांत्रिक अभिवृत्ति का होना आवश्यक है। चर्चा करें।
05 Apr, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
उत्तर की रूपरेखा:
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भारतीय संविधान न्याय और कल्याण की प्राप्ति के लिये लोकतंत्र के तीन स्तंभों के रूप में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की स्थापना करती है। इसमें नीतियों, योजनाओं को लागू करने वाली कार्यपालिका में सिविल सेवक की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। एक सिविल सेवक के लिये सबसे महत्त्वपूर्ण है- लोकतांत्रिक अभिवृत्ति।
लोकतांत्रिक अभिवृत्ति से तात्पर्य ऐसी अभिवृत्ति से है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देती है। इसमें शामिल हैं:
लोकतांत्रिक अभिवृत्ति के फलस्वरूप अधिकतम लोगों के कल्याण हेतु कार्य किया जाता है। हमारे संविधान में उल्लेखित पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के प्रयासों को इस अभिवृत्ति के माध्यम से वास्तविक धरातल पर लाया जा सकता है। वर्तमान में शक्ति के केंद्रीयकरण की प्रवृत्ति और विवेकाधीन शक्तियाँ इसमें बाधक बन रही हैं।
लोकतांत्रिक अभिवृत्ति को निम्नलिखित उपायों द्वारा बढ़ाया जा सकता हैः
लोकतांत्रिक अभिवृत्ति वर्तमान विश्व की सफलता के लिये कुंजी है। एक व्यक्ति, जो लोकतांत्रिक अभिवृत्ति रखता है, एक दूसरे के सहयोग और मदद को बढ़ावा देता है, जो समाज में न्याय की अवधारणा को मज़बूत करता है। अतः संविधान के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये एक लोक सेवक में लोकतांत्रिक अभिवृत्ति का होना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।