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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिये— 1. आत्मनियमन 2. समानुभूति

    05 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    आत्मनियमनः  इसका अर्थ है अपनी भावनाओं का स्वभाव, उनकी तीव्रता तथा उनकी अभिव्यक्ति को प्रबंधित करना। इसके तीन पक्ष हैं—

    1. यदि भावना की प्रकृति उचित नहीं है तो उसे अभिव्यक्त होने से रोक देना। जैसे— बहुत क्रोध होने पर मन में हिंसा का भाव आए तो उसे रोक देना।

    2. यदि भावना सही है किंतु उसकी तीव्रता गलत है तो उस तीव्रता को संतुलन के स्तर पर ले जाना। जैसे यदि कोई कर्मचारी रोज देर से आता हो तो उसे सीधे निलंबित करने का भाव मन में लाने की जगह उतनी ही तीव्रता रखना जितना उचित है। 

    3. भावनाओं को अभिव्यक्ति देते समय ध्यान रखना कि कहीं अभिव्यक्ति की अधिकता स्वयं एक समस्या न बन जाए। जो लोग अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर पाते जीवन में उनकी सफलता की संभावनाएँ अत्यंत धूमिल हो जाती हैं। क्योंकि उनके क्रोधी स्वभाव के कारण लोग उनसे बात करना पसंद नहीं करते।

    अतः व्यक्ति को अपनी भावनाओं पर नियंत्रण के साथ ही संतुलन भी स्थापित करना चाहिये। वही आत्मनियमन है।

    समानुभूतिः   समानुभूति का अर्थ है—

    • दूसरों की अनुभूतियों और भावनाओं को सटीक रूप से पढ़ने की क्षमता, चाहे वह व्यक्ति अपनी भावना को छिपाना चाहता हो।
    • किसी की मनःस्थिति को जानने के बाद उस जानकारी का प्रयोग सही निर्णय लेने के लिये 
    • किसी व्यक्ति का मूल्यांकन करते हुए खुद को उसकी जगह रखकर यह समझने का प्रयास करना कि वह ऐसा क्यों कर रहा है।

    इस प्रकार समानुभूति की क्षमता एक नैतिक गुण है जो व्यक्तित्व की ग्रहणशीलता, ईमानदारी और दूसरों की जिंदगी को समझने का एक रचनात्मक प्रयास है। यह क्षमता केवल मनुष्य में ही है और इसे चेतना का स्तर कहा जा सकता है।

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