वस्तुनिष्ठता से आप क्या समझते हैं? संक्षेप में बताइये।
06 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
प्रश्न-विच्छेद
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हल करने का दृष्टिकोण
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वस्तुनिष्ठता शब्द का प्रयोग दर्शन, विधि तथा नीतिशास्त्र जैसे विषयों में विशिष्ट अर्थों में होता है। इसका सामान्य अर्थ है कि व्यक्ति को कोई निर्णय करते समय उन सभी आधारों से मुक्त होना चाहिये जो उसकी व्यक्तिगत चेतना में शामिल हैं, जैसे उसकी विचारधारा, कल्पनाएँ, दृष्टिकोण, पूर्वाग्रह, रूढ़ धारणाएँ, मान्यताएँ इत्यादि। दूसरे शब्दों में, वही नैतिक कथन वस्तुनिष्ठ कहलाएगा जिसकी सत्यता की स्थितियाँ किसी भी व्यक्ति विशेष के मस्तिष्क से स्वतंत्र हो।
प्रशासन में वस्तुनिष्ठता का आदर्श जितना आवश्यक है उतना ही इसका यथार्थ भी विचारणीय होता है। यह एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण है जिसके माध्यम से प्रशासन में आदर्श और यथार्थ की स्थितियों के कारण परिणाम पैदा होते हैं। वस्तुनिष्ठता ईमानदारी के परिणाम देती है, क्योंकि यह ‘पक्ष’ अथवा ‘स्व’ के विश्लेषण से मुक्त होती है तथा इसे कानून की भावना के अधिक निकट माना जाता है। वस्तुनिष्ठता मूल्य-शून्यता नहीं है, वरन् अपने आत्मपरक मूल्यों को बाहर निकाल कर केवल वस्तुओं या तथ्यों को जोड़ना है। यह एक कठिन कार्य है क्योंकि व्यक्ति की आत्मपरकता उसकी बुद्धि को वस्तुपरक नहीं बनने देती है।
अतः वस्तुपरक गतिविधियों को समझने के लिये गंभीर बौद्धिक प्रयास करना पड़ता है।