नीतिगत निर्णय में पड़ोसियों को सबसे अधिक प्राथमिकता देने के लिये भारत द्वारा अपनाई गई ‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’ क्या सॉफ्ट पावर पॉलिसी का ही एक माध्यम है? हाल ही में इस संबंध में भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दें।
उत्तर :
भूमिका में:
‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’ की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए उत्तर आरंभ करें-
नेबरहुड फर्स्ट नीति का अर्थ है अपने नीतिगत निर्णयों में पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देना, अर्थात् ‘पड़ोस पहले’ (Neighbourhood First)। इस नीति के तहत सीमा क्षेत्रों के विकास, क्षेत्र की बेहतर कनेक्टिविटी एवं सांस्कृतिक विकास तथा लोगों के बीच आपसी संपर्क को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
विषय-वस्तु में:
विषय-वस्तु के पहले भाग में तर्क सहित नेबरहुड फर्स्ट नीति को सॉफ्ट पावर पॉलिसी का एक माध्यम बताते हुए उत्तर लिखें-
नेबरहुड फर्स्ट नीति में शामिल कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदु जो भारत की सॉफ्ट पावर पॉलिसी को दर्शाते हैं-
- इस नीति के माध्यम से भारत अपने पड़ोसी देशों तथा हिंद महासागर के द्वीपीय देशों को राजनीतिक एवं कूटनीतिक प्राथमिकता प्रदान करने का इच्छुक है।
- पड़ोसी देशों को संसाधनों, सामग्रियों तथा प्रशिक्षण के रूप में सहायता प्रदान कर समर्थन देना।
- भारत के नेतृत्व में क्षेत्रवाद के ऐसे मॉडल को प्रोत्साहित करना है जो पड़ोसी देशों के भी अनुकूल हो।
- वस्तुओं, लोगों, ऊर्जा, पूंजी तथा सूचना के मुक्त प्रवाह में सुधार हेतु कनेक्टिविटी और एकीकरण।
- साथ ही सांस्कृतिक विरासत के माध्यम से पड़ोसी देशों के साथ संपर्क स्थापित करना।
विषय-वस्तु के दूसरे भाग में भारत द्वारा 2018 में नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत उठाए गए कदमों का ब्योरा देंगे-
वर्तमान सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष के अंदर अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूती प्रदान करने पर ज़ोर दिया गया है। हालाँकि रूस और चीन जैसी प्रमुख शक्तियों के साथ संबंधों में विभिन्न असहमतियाँ अभी भी मौजूद हैं जिसे ध्यान में रखकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ‘वुहान शिखर सम्मेलन’ और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ‘सोची रिट्रीट’ पर बहुत ध्यान दिया गया। परंतु वर्तमान में भारत ने इससे भी महत्त्वपूर्ण कार्य, अपने वर्तमान पड़ोसियों के साथ संबंधों को मधुर बनाने को माना है।
- भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी में नेपाल प्रथम स्थान पर आता है एवं संबंधों को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से 2018 में नेपाल के जनकपुर से अयोध्या और अयोध्या से जनकपुर तक के लिये एक बस सेवा की शुरुआत की गई। दिसंबर में प्रधानमंत्री की नेपाल के ‘विवाह पंचमी’ नामक त्योहार का हिस्सा बनने की भी संभावना है।
- मालदीव में अब्दुल्ला यामीन के शासन के दौरान जब आपातकाल घोषित हुआ तो भारत ने घरेलू टिप्पणीकारों और पश्चिमी राजनयिकों की उम्मीदों के विपरीत उन्हें सैन्य धमकी दिये जाने जैसा कोई प्रयास नहीं किया।
- यामीन द्वारा नौकरी तलाशने वाले हज़ारों भारतीयों, नौसेना तथा सैन्यकर्मियों को वीज़ा देने से इंकार कर दिया गया। इस पर भारत ने संयमित ढंग से कहा कि हर देश को अपनी वीज़ा नीति तैयार करने का हक है।
- इसके अतिरिक्त भूटान, बांग्लादेश तथा श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक संकट और चुनावों के संबंध में भारत ने सार्वजनिक राजनीतिक बयान नहीं दिया और ऐसे किसी भी बयान से दूरी बनाए रखी जो एकतरफा हस्तक्षेप या तवज्जों के रूप में पाया जाता।
- इस वर्ष का सबसे नीतिगत बदलाव भारत सरकार द्वारा काबुल में अशरफ घनी सरकार को दी गई रियायत थी। नवंबर में भारत ने अफगानिस्तान में मास्को सम्मेलन के दौरान अपने राजदूत भेजे थे जहाँ तालिबान के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
- इससे पूर्व भारत सरकार उपर्युक्त प्रक्रिया से अलग रहती थी और अफगानिस्तान के बाहर किसी भी बैठक को अफगान-स्वामित्व और अफगान-नेतृत्व वाले समाधान (Afghan-owned and Afghan-led Solution) पर रेडलाइन को पार करने वाला माना जाता था।
- करतारपुर कॉरिडोर केा भी भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति का ही भाग माना जा रहा है जिसके तहत सिखों के पवित्र धर्मस्थल करतारपुर साहिब को भारत और पाकिस्तान से जोड़ने वाले करीब छ: किमी. लंबे गलियारे की आधारशिला रखी गई है।
निष्कर्ष
अंत में संक्षिप्त, सरगर्भित एवं संतुलित निष्कर्ष लिखें।
भारत महान शक्तियों के साथ स्वयं को सुपर पावर के रूप में स्थापित करने का संतुलित प्रयास कर रहा है और अपने घरेलू विकास के लिये अधिकतम लाभ प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है। भारत शीघ्र ही विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह में है लेकिन इस विकास के लिये आवश्यक है कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को लेकर निश्ंिचत रहे और हमारे पड़ोसियों द्वारा कम-से-कम गतिरोध उत्पन्न किये जाएँ। ऐसे में नेबरहुड फर्स्ट नीति एक कारगर विकल्प साबित हो सकती है, बशर्तें इसकी निरंतरता को प्रतिबद्धता के साथ कायम रखा जाए।