नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में आदर्शवादी सिद्धांत से आप क्या समझते हैं? संक्षेप में बताइये।

    08 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    प्रश्न-विच्छेद

    • अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के आदर्शवादी सिद्धांत को बताना है।।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में आदर्शवाद को स्प्ष्ट करें।
    • सिद्धांत की संक्षिप्त व्याख्या करें।
    • अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।

    आदर्शवाद ऐसी भावना है जो किसी व्यक्ति या समूह को अपने आस-पास व्याप्त मानकों की तुलना में उदात्त नैतिक मानक अपनाने के लिये प्रेरित करती है। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में आदर्शवाद राष्ट्रों या राज्यों के शासकों के बीच के संबंधों को अनुशासित करता है। 

    प्राचीन काल में युद्ध करना प्रचलित कार्य था परंतु समय बीतने के साथ-साथ वे मानदंड बन गए जो युद्ध के आचरणों को युद्ध-बंदियों के साथ, हारे हुए या आत्मसमर्पण करने वालों के साथ किये जाने वाले व्यवहार को विनियमित करते थे। नैतिक विचारकों ने युद्धों में होने वाली अनियंत्रित क्रूरता की निंदा की जिस कारण नैतिक सिद्धांतों के पालन में आदर्शवाद उन संधियों के लिये भी प्रासंगिक हो गया जिनसे युद्ध समाप्त हो जाते थे या दो शासकों के मध्य करारनामे हो जाते थे।

    अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में काण्ट द्वारा की गई टिप्पणियों के माध्यम से आदर्शवाद को और स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है, जो कि निम्न है-

    • कोई भी देश, दूसरे देश के आंतरिक मामलों में ज़बरदस्ती हस्तक्षेप नहीं करेगा।
    • देशों को सामंती मालिक तथा मातहतों के सिद्धांत के अनुसार बाँटना घातक होगा।
    • युद्ध के दौरान कोई भी देश विरोध के ऐसे कार्यों की अनुमति नहीं देगा जिनसे बाद में होने वाली शांति में विश्वास करना असंभव हो जाए।
    • सरकारों को सेना तथा हथियारों पर खर्चों को कम करना चाहिये।

    काण्ट की तरह 1920-30 के दशक में अनेक आदर्शवादियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये। इनका उद्देश्य शांति को सुनिश्चित करना तथा एक अन्य विश्व युद्ध से बचना, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा समर्पित अंतर्राष्ट्रीय कानून की प्रणाली को विकसित करना, आदि था।

    अतः अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में आदर्शवाद अंतर्राष्ट्रीय सरकारों के मध्य सामंजस्य की स्थापना एवं युद्धों को रोकने का सशक्त माध्यम हो सकता है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow