बजट में प्रस्तावित ‘आयुष्मान भारत’ योजना पर प्रकाश डालते हुए बताएँ कि यह भारत की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान में कितनी कारगर हो पाएगी?
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- ‘आयुष्मान भारत’ योजना के बारे में बताते हुए इससे होने वाले लाभों पर प्रकाश डालें।
- इसके कुशल क्रियान्यवयन से संबंधित चिंताओं को स्पष्ट करते हुए निष्कर्ष लिखें।
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भारत में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु बजट में आयुष्मान भारत योजना की घोषणा की गई है। इससे संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रावधानों को निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है-
- भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के दो घटक हैं- स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना।
- इस योजना के तहत देश में 1.5 लाख ‘हेल्थ एँड वेलनेस सेंटर’ खोले जाएँगे ताकि आम लोगों को घर से निकटतम दूरी पर स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध हो। यह केंद्र आवश्यक दवाइयाँ और नैदानिक सेवाएँ भी मुफ्त उपलब्ध करवाएंगे। इससे आरंभिक चरण में ही रोगों का निदान हो पाएगा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी आएगी।
- स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र में गैर-संचारी रोगों के समाधान के लिये स्वस्थ जीवन शैली के विकास पर भी बल दिया गया है। ध्यातव्य है कि भारत में गैर संचारी रोगों का अनुपात अत्यंत तीव्र गति से बढ़ रहा है। ऐसे में यह कैंसर जैसे गैर संचारी रोगों की संख्या को कम करके इससे संबंधित समस्याओं का समाधान कर सकेगी।
- इन केंद्रों के लिये लोक परोपकारी संस्थाओं तथा निजी क्षेत्रों को भी आमंत्रित किया गया है। निजी क्षेत्र के मदद से स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार अपेक्षाकृत अधिक तेजी से हो पाएगा।
- योजना का दूसरा घटक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना विश्व का सबसे बड़ा हेल्थ केयर स्कीम है इसके तहत भारत के 10 करोड़ गरीब परिवारों के 500000 तक के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। ध्यातव्य है कि आम लोगों की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इलाज पर खर्च होता है कैंसर जैसे असाध्य रोगों की स्थिति में तो गरीबों को अपना जमीन अथवा घर भी भेजना पड़ जाता है। इस योजना से इन सभी समस्याओं का समाधान हो पाएगा इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी असुरक्षा की स्थिति में वित्त की चिंता नहीं होने से लोगों का मनोबल भी बढ़ेगा ।
- इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च के घटने से गरीबी रेखा में भी कमी आएगी।
ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा स्वास्थ्य उपकेंद्र के माध्यम से घर के निकट प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किये जाने के प्रावधान किये गए थे। किंतु वर्तमान समय में अधिकांश स्वास्थ्य उप-केंद्र दवा तथा कुशल चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सर्वे के अनुसार केवल 11 प्रतिशत उप स्वास्थ्य केंद्र ही स्वास्थ्य संबंधी मानकों के अनुकूल है। अतः मुख्य समस्या योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन से जुड़ी है। इसके अलावा 2008 में स्वास्थ्य संबंधी बीमा हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लाई गई थी। वर्तमान समय में भी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना जैसी योजनाएँ चलाई गई हैं। किंतु जागरूकता के अभाव में आज देश में 10 में से सिर्फ 3 लोगों के पास ही स्वास्थ्य बीमा है।
आयुष्मान भारत योजना की सफलता के लिये आवश्यक है कि लोगों को इसके प्रति जागरुक किया जाए तथा धरातल पर इसके क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जाए।