कौशल, किसी भी व्यवसाय का आधार होता है और बेहतर कौशल, क्षमता में वृद्धि करता है तथा बेहतर क्षमता, अंततः ‘प्रदर्शन’ में वृद्धि कर ‘विकास’ को बढ़ाती है। भारत में कृषि से लेकर औद्योगिक क्षेत्र तक कौशल का अभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। कौशल विकास में देश की स्थिति को उन्नत बनाने के लिये सरकार द्वारा किये गए प्रयासों की समीक्षा करें।
13 Sep, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा:
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कौशल विकास न केवल व्यक्तिगत उन्नयन के लिये बल्कि समष्टिगत उन्नयन के लिये भी अपरिहार्य है। कौशल कोई जन्मजात प्रवृत्ति नहीं है, बल्कि इसे सीखा जा सकता है। अतः कौशल विकास के माध्यम से व्यक्ति न केवल व्यक्तित्व का विकास करने में सक्षम होगा, बल्कि रोज़गार और पेशे से संबंधित संभावनाओं के ईष्टतम दोहन में भी सक्षम होगा।
अन्य विकासशील राष्ट्रों की तुलना में भारत में कार्यशील जनसंख्या का प्रतिशत अपेक्षाकृत अधिक है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति अगले दो दशकों तक रहेगी और वर्ष 2035 में अपने उच्चतम बिंदु पर होगी। ऐसी स्थिति में भारतीय युवाओं में कौशल विकास न केवल महत्त्वपूर्ण है, बल्कि अपरिहार्य भी है।
भारत में कौशल विकास की वर्तमान स्थिति संतोषजनक नहीं कही जा सकती है। कृषि से लेकर औद्योगिक क्षेत्र तक में कुशल श्रमिकों का अभाव स्पष्ट रूप से दृष्टिगत है। इसे निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता हैः
यद्यपि कृषि में किसी विशेष कुशलता की आवश्यकता नहीं होती, तथापि बदलती सामाजिक, आर्थिक और जलवायविक परिस्थितियों के कारण कृषकों में विशेष प्रकार की कुशलता की आवश्यकता है। तकनीक का प्रयोग, वैज्ञानिक कृषि, जैविक खाद, सिंचाई की नवीन तकनीकों का इस्तेमाल आदि को कृषकों की कुशलता में सम्मिलित किया जा सकता है। वर्तमान में अधिकांशतः इसका अभाव देखा जा सकता है।
IMF की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि कोई अर्थव्यवस्था धीमी गति (1% - 2%) से भी विकास करती है तो रोज़गार 10 गुना गति से बढ़ते हैं। चूँकि भारत की विकास दर लगभग 7% - 8% की दर से बढ़ रही है, ऐसे में भारत में कुशल श्रमिकों के अभाव की समस्या है।
भारत में सेवा क्षेत्र में रोजगार की महती संभावनाएँ हैं, लेकिन पर्याप्त कौशल के अभाव में युवा सेवा क्षेत्र की संभावनाओं का पर्याप्त दोहन नहीं कर पा रहे हैं।
उक्त समस्याओं और चुनौतियों से निपटने के लिये भारत सरकार निम्नलिखित कार्यक्रम और योजनाएँ चला रही हैः
निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि कौशल विकास किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिये महत्त्वपूर्ण है और भारत जैसे कार्यशील जनसंख्या के आधिक्य वाले देश में तो यह और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है। सरकार ने उक्त परिस्थितियों की पहचान करते हुए अपनी ओर से प्रयास प्रारंभ कर दिये हैं और ब आवश्यकता है तो युवाओं की सक्रिय भागीदारी की।