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प्रश्न :
वर्तमान में कर्मचारियों की कार्य क्षमता एवं दक्षता में कमी की प्रवृत्ति देखी जा रही है। इस संबंध में कार्य संस्कृति की भूमिका का उल्लेख कीजिये।
19 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
प्रश्न-विच्छेद
- वर्तमान में कर्मचारियों की कार्य क्षमता एवं दक्षता में कमी की प्रवृत्ति को दर्शाना है।
- इस संबंध में कार्य संस्कृति की भूमिका का उल्लेख करना है।
हल करने का दृष्टिकोण
- प्रभावी भूमिका लिखते हुए कर्मचारियों की कार्य क्षमता एवं दक्षता में कमी की प्रवृत्ति को बताएँ।
- तार्किक तथा संतुलित विषय-वस्तु में भूमिका से लिंक जोड़ते हुए कार्य संस्कृति को बताएँ तथा कर्मचारियों की कार्य क्षमता एवं दक्षता में कमी के कारणों की संक्षेप में चर्चा करें।
- किसी कर्मचारी की कार्यक्षमता एवं दक्षता पर कार्य संस्कृति के प्रभाव का उल्लेख करें।
किसी कार्यालय के कार्य संचालन में वहाँ के कर्मचारियों एवं उनके द्वारा किये गए कार्य के साथ ही वहाँ की कार्य संस्कृति का भी योगदान होता है। वर्तमान में कर्मचारियों की कार्यक्षमता तथा दक्षता में कमी देखी जा रही है जिसका सीधा-सा कारण समुचित कार्य संस्कृति का न होना है।
कार्य संस्कृति का अर्थ कार्यालय के उस संपूर्ण वातावरण से है जो कार्य के विषय में कर्मचारियों की मनोवृत्ति निर्धारित करता है। प्रायः प्रत्येक संगठन की एक विशिष्ट कार्य संस्कृति होती है। किसी संगठन की कार्य संस्कृति को समझने के लिये कुछ पक्षों का अवलोकन किया जा सकता है-
- लोग समयबद्धता का कितना ध्यान रखते हैं?
- अपने कार्य संबंधी दायित्वों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का स्तर कैसा है?
- कर्मचारी आपस में कैसी भाषा और संकेतों का प्रयोग करते हैं तथा उन सभी में पारस्परिक सहजता का क्या स्तर है?
- पुरुषों और महिलाओं, समाज के अन्य वर्गों (अल्पसंख्यक, दिव्यांग), विभिन्न आयु वर्गों के व्यक्तियों की आनुपातिक हिस्सेदारी का क्या स्तर है?
- प्रबंधन का कर्मचारियों के साथ व्यवहार कैसा है? उन्हें उनके जायज़ अधिकार मिलते हैं या नहीं आदि।
यदि किसी कार्यालय में उपर्युक्त पक्ष अनुकूल दशा में पाए जाते हैं तो निस्संदेह वहाँ के कर्मचारियों की कार्यक्षमता व दक्षता का स्तर भी अच्छा होगा। ध्यातव्य है कि किसी भी पक्ष का प्रतिकूल होना कर्मचारियों की कार्यक्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। आजकल यही देखने में भी आ रहा है। प्रबंधन द्वारा अपने कर्मचारियों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार, दफ्तरों में अनुशासनहीनता, वरिष्ठता को अधिक महत्त्व देना आदि कारक किसी भी कर्मचारी के मनोबल को तोड़ देते हैं।
इसके साथ ही अच्छे कार्य के लिये विशिष्ट पहचान या प्रशंसा का अभाव तथा पदोन्नतियों एवं वेतन वृद्धि में कार्य निष्पादन और नैतिक व्यवहार की विशेष भूमिका का न होना प्रमुख कारण हैं जो कार्य के प्रति कर्मचारी के नैतिक दायित्व को कम कर देते हैं।
एक अच्छी कार्य संस्कृति जहाँ किसी कर्मचारी की कार्य क्षमता को बढ़ाती है वहीं, एकाग्रता से किये जाने के कारण उसकी कार्य दक्षता को भी बढ़ाती है। एक अच्छी कार्य संस्कृति के आवश्यक तत्त्वों में निम्नलिखित को शामिल किया जाना चाहिये-
- वैविध्य के प्रति स्वीकृति व सहजता का भाव।
- कर्मचारियों के मध्य समानता का सिद्धांत लागू होना।
- सभी को उनकी क्षमताओं के अनुसार बराबर का मौका, सभी के मूल्यांकन के लिये समान प्रतिमान।
- कर्मचारियों के मन में इस बात का अनावश्यक भय न हो कि उन्हें पर्याप्त कारणों के बिना हटा दिया जाएगा।
- कर्मचारियों के कार्य निष्पादन का सतत् व वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन और उस मूल्यांकन के अनुसार उन्हें प्रोत्साहन मिलना आदि।
अतः कार्यालय की कार्य संस्कृति का सकारात्मक होना आवश्यक है तभी कोई कर्मचारी अपने कार्य में अपना सौ प्रति प्रतिशत दे सकेगा।
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