“भावनात्मक प्रज्ञता व्यक्ति के निजी जीवन के साथ-साथ उसके सार्वजनिक जीवन में भी सफलता सुनिश्चित करती है।” भावनात्मक प्रज्ञता को परिभाषित करते हुए प्रशासनिक कार्यों में इसके प्रयोग से उभरने वाले सकारात्मक पक्षों का उल्लेख करें।
23 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
उत्तर की रूपरेखा
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अपनी तथा दूसरों की भावनाओं को समझने तथा उनका समुचित प्रबंधन करने की क्षमता को भावनात्मक प्रज्ञता कहते हैं। डेनियल गोलमैन ने भावनात्मक प्रज्ञता को 5 योग्यताओं/क्षमताओं का समूह माना है-
भावनात्मक प्रज्ञता से युक्त व्यक्ति अपने निजी संबंधों को सदैव सुरक्षित एवं मज़बूत रख पाता है क्योंकि भावनाओं का प्रबंधन ही निजी संबंधों में मज़बूती की पूर्व शर्त होती है। वर्तमान में सार्वजनिक सेवाओं एवं प्रशासन में तनाव का स्तर काफी ऊँचा है, क्योंकि कल्याणकारी राज्य की निरंतर बढ़ती अपेक्षाएँ, राजनीतिक बाधाएँ, मीडिया, सिविल सोसाइटी के आंदोलन आदि चौतरफा और परस्पर विरोधी स्थितियाँ उत्पन्न कर देते हैं। इन जटिल परिस्थितियों में वही व्यक्ति सफल हो पाता है, जिसमें तनाव प्रबंधन तथा भावनाओं के प्रबंधन की क्षमता अधिक होती है।
जब भावनात्मक प्रज्ञता को प्रशासनिक कार्यों में प्रयोग किया जाता है तो निम्नलिखित सकारात्मक पक्ष उभरकर सामने आते हैं-
अतः यह एक स्वीकार्य तथ्य है कि भावनात्मक प्रज्ञता के प्रयोग से निजी जीवन के साथ-साथ उसके सार्वजनिक जीवन में भी सफलता सुनिश्चित होती है। भावनात्मक प्रज्ञता से युक्त प्रशासन में गतिशीलता, निरंतरता, लोक-कल्याण और नैतिकता जैसे सुशासन के गुण उपस्थित होते हैं।