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प्रश्न :
नैतिक अभिवृत्ति से आप क्या समझते हैं ? नैतिक अभिवृत्ति पर सामाजिक मीडिया के प्रभावों की चर्चा करें।
25 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
नैतिक अभिवृत्ति का आशय उन अभिवृत्तियों से हैं जो हमारी नैतिक प्रतिबद्धता के आधार पर निर्धारित होती हैं और ये लोगों की एक-दूसरे के प्रति सही या गलत अवधारणा को प्रकट करती हैं। नैतिक अभिवृत्तियाँ नैतिक मान्यताओं की तुलना में काफी दृढ़ होती हैं।
उदाहरणस्वरूप, क्रिकेट के प्रति लोगों की अभिवृत्ति का नैतिकता के साथ कुछ लेना-देना नहीं है, शिक्षक के प्रति लोगों की अभिवृत्ति नैतिक विश्वास में निहित है।
शिक्षा, परिवार, समाज, धर्म, जाति आदि नैतिक प्रतिबद्धता के गठन में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टीवी, समाचार-पत्र जैसे- मास मीडिया, सामाजिक मीडिया से भी नैतिक अभिवृत्ति पर प्रभाव पड़ता है।
नैतिक अभिवृत्ति पर सामाजिक मीडिया का प्रभावः
सामाजिक मीडिया की बहुत आसान पहुँच होने के कारण यह दोधारी तलवार की तरह है। यह लोगों और समाज पर सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इस माध्यम से अच्छे और बुरे दोनों संदेश/जानकारियाँ बहुत आसानी से फैलते हैं और सूचना के प्रकार के आधार पर उनका प्रभाव समाज पर पड़ता है।
अगर जानकारी मूल्य, नैतिकता की तरह अच्छी चीज़ों के बारे में है, तो यह सकारात्मक प्रभाव डालती है, लोगों और समाज में मज़बूत नैतिक अभिवृत्ति का निर्माण करने में मदद करती है। उदाहरणस्वरूप निर्भया मामले में लोगों को जुटाने और महिलाओं के मुद्दे के प्रति संवेदना व्यक्त करने में सामाजिक मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका है।
अगर जानकारी धार्मिक उग्रवाद, अश्लीलता, पोर्न वीडियो आदि की तरह गलत है, तो उससे व्यक्ति की नैतिक अभिवृत्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उदाहरणस्वरूप आईएसआईएस सामाजिक मीडिया के माध्यम से युवाओं को आकर्षित करने के लिये अन्य धर्मों के प्रति नफरत के संदेशों का प्रसार और लोगों की भर्ती कर रहा है।
इसके अलावा वर्तमान समय में सामाजिक मीडिया के माध्यम से युवाओं को अश्लीलता परोसी जा रही है। यह युवाओं के व्यवहार की प्रवृत्ति को प्रभावित और गलत चीज़ों की ओर आकर्षित कर रही है।
इसलिये सामाजिक मीडिया के माध्यम से नैतिक अभिवृत्ति पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ सकते हैं। लेकिन सामाजिक मीडिया के माध्यम से नैतिक मूल्यों के बारे में जागरूकता का प्रसार कर नैतिक अभिवृत्ति के गठन में इसका सकारात्मक तरीके से उपयोग किया जा सकता है।
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