क्या अभिवृत्तियों के निर्माण में आनुवंशिक कारकों की कोई भूमिका होती है? चर्चा करें।
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा
- प्रभावी भूमिका में अभिवृत्ति निर्माण को स्पष्ट करें।
- तार्किक तथा संतुलित विषय-वस्तु में अभिवृत्तियों के निर्माण के लिये आनुवंशिक कारकों की भूमिका के समर्थन में तर्क लिखें।
- प्रश्नानुसार संक्षिप्त और सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
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प्रायः ऐसा माना जाता है कि हमारी सारी अभिवृत्तियाँ समाजीकरण की प्रक्रिया में ही सीखी जाती हैं और उनमें से कोई भी जन्मजात नहीं होती। किंतु 1990 के आस-पास सामाजिक मनोविज्ञान में कुछ ऐसे अनुसंधान हुए, जो संकेत करते हैं कि सीमित मात्रा में आनुवंशिक कारक भी अभिवृत्ति के विकास में भूमिका निभा सकते हैं। इन अनुसंधानों से कुछ निष्कर्ष निकाले गए हैं जो कि इस प्रकार हैं –
- आनुवंशिक कारकों का प्रभाव उन्हीं अभिवृत्तियों पर पड़ता है, जिनका संबंध आतंरिक प्रेरणाओं से है, जैसे-किसी विशेष संगीत या भोजन के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक अभिवृत्ति। आनुवंशिक कारकों का संबंध उन विषयों से नहीं होता, जिनके लिये विशेष ज्ञान या सचेतता की आवश्यकता होती है।
- आनुवंशिक कारणों से निर्धारित होने वाली अभिवृत्तियों में परिवर्तन, सीखी गई अभिवृत्तियों में परिवर्तन की तुलना में कठिन होता है।
- सीखी गई अभिवृत्तियों की तुलना में आनुवंशिक अभिवृत्तियों का व्यवहार पर ज़्यादा गहरा और तीव्र प्रभाव होता है।
- आनुवंशिक कारकों का प्रभाव प्रायः केवल यह होता है कि कुछ व्यक्ति आमतौर पर सकारात्मक मनःस्थिति के होते हैं, जबकि कुछ अन्य की मनःस्थिति नकारात्मक होती है। यही सामान्य सकारात्मकता और नकारात्मकता आगे चलकर उनकी विशेष मनःस्थितियों को निर्मित करती है।
उपरोक्त निष्कर्षों के बावजूद इस सबंध में कोई भी निश्चित दावा करना गलत होगा, किंतु इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि थोड़ी बहुत मात्रा में हमारी अभिवृत्तियाँ आनुवंशिक कारकों से प्रभावित होती हैं।