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प्रश्न :
‘‘किसानों की ऋण माफी जैसे लोकलुभावन फैसले भविष्य में आर्थिक जोख़िम पैदा करेगें।" इस कथन का विश्लेषण करते हुए बताएँ कि कृषि को एक लाभप्रद पेशा बनाने के लिये क्या किया जाना चाहिये?
17 Apr, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में 36,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफी की घोषणा की है जो पंजाब और महाराष्ट्र सरकारों को भी इस तरह के निर्णय लेने को प्रोत्साहित कर सकती है, इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने इस प्रकार के लोकलुभावन फैसलों को खतरे की घंटी बताया है।
ऋण माफी कृषि को लाभप्रद पेशा बनाने का कोई स्थायी समाधान नहीं है बल्कि यह सरकार पर वित्तीय बोझ भी बढ़ाएगा। इसके अलावा ऐसे फैसलों से दूसरे राज्यों को भी प्रोत्साहन मिलता है और वे भी सस्ती लोकप्रियता के लिये कृषि ऋण माफी का फैसला लेते है। लेकिन यह अस्थायी समाधान भविष्य के लिये आर्थिक जोखिम पैदा करता है। साथ ही ऐसे फैसले किसानों को ऋण चुकाने से हतोत्साहित भी करते है।
हालाँकि इसके बावजूद ऋण माफी के पक्ष में भी निम्नलिखित तर्क किए जा सकते हैं-- किसान आत्महत्याओं का बड़ा कारण किसानों द्वारा ऋण न चुका पाना है अतः विशेष परिस्थितियों में ऋण माफी को जायज ठहराया जा सकता है।
- कृषि ऋण माफी से किसानों की क्रय शक्ति क्षमता बढ़ती है जो अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर डालती है।
- उद्योगों एवं कॉरपोरेट्स को भी बेलआउट पैकेज, इंसेंटिव आदि प्रदान किये जाते हैं तो किसानों को ऋणमाफी का विरोध क्यों किया जाता है।
इस प्रकार कृषि ऋणमाफी को आम नियम नहीं बनाया जाना चाहिये लेकिन विशेष परिस्थितियों में एक जायज राहत के तौर पर देखा जा सकता है। साथ ही, कृषि क्षेत्र में निम्नलिखित सुधार किये जाने चाहिये ताकि कृषि एक लाभप्रद पेशा बन सके-
- आधारभूत संचरना को मजबूत किया जाना चाहिये, जैसे-परिवहन, विद्युत-आपूर्ति, सिंचाई, भण्डारण आदि।
- MSP मूल्य किसानों की कॉपरेटिव सोसाइटीज् द्वारा तय किया जाना चाहिये।
- उर्वरक सब्सिडी किसानों की ओर लक्षित की जानी चाहिए न कि कंपनियों की ओर।
- बीमा योजनाओं के माध्यम से किसानों को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिये।
- बेहतर जोखिम प्रबंधन और अधिक कुशल कृषि बाजार की उपलब्धता हो।
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