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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    "सिंचाई सुविधाओं का विस्तार कर, किसानों की बाजार तक पहुँच सुनिश्चित कर, कृषि क्षेत्र में असरदार नीतियाँ बनाकर एवं उनका उपयुक्त कार्यान्वयन कर कृषि आय में सुधार किया जा सकता है।" मध्य प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश राज्यों के उदाहरणों से इस कथन की पृष्टि करें।

    04 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    भारतीय कृषि क्षेत्र वर्तमान में काफी दबाव की स्थिति में है। इस क्षेत्र में अब भी देश की लगभग आधी कार्यशक्ति लगी हुई है लेकिन सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का हिस्सा लगभग 17% ही है। किंतु, मध्यप्रदेश ने पिछले वर्ष कृषि उत्पादन में 30% की उल्लेखनीय संवृद्धि दर हासिल की तथा 2008 से ही लगभग 20% की वार्षिक संवृद्धि दर प्राप्त की है जिसके परिणामस्वरूप राज्य के कुल उत्पादन में कृषि क्षेत्र का हिस्सा बढ़कर 38% हो गया है। इसी प्रकार आंध्र प्रदेश ने भी सूखे के दौरान भी कृषि क्षेत्र में 14% की वार्षिक संवृद्धि दर हासिल की है। इन राज्यों ने निम्नलिखित प्रयासों के माध्यम से कृषि विकास को सुनिश्चित किया है-

    • मध्य प्रदेश ने वर्ष 2006 के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 60,000 किलोमीटर लंबी सड़के बनवाई हैं जिनके माध्यम से 14,000 से भी अधिक गाँव प्रत्येक मौसम में मुख्य मार्गों से जुड़े रह पाते हैं। गाँवों के किसानों के लिये इन सड़कों के जरिये अपने उत्पादों को बाजार तक पहुँचा पाना आसान हो गया।
    • मध्य प्रदेश में सींचित भूमि का रकबा भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। यहाँ सींचित भूमि 2006 में जहाँ 38% थी वहीं अब यह 65% हो गई है।
    • मध्य प्रदेश ने बाजार की स्थिति और कामकाज के तरीकों में भी सुधार किया है-
    • सरकार दालों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदती है।
    • वित्तीय समावेशन के लिये ‘समृद्धि योजना’ चलाई है जिसके तहत 76.5 लाख बैंक खाते खोले गए हैं। सरकार इन खातों में ही किसानों को सरकारी खरीद के पैसे भेजती है।
    • राज्य सरकार ने किसानों की सौदेबाजी क्षमता बढ़ाने के लिये ‘किसान उत्पादक संगठन’ के साथ मिलकर कार्य करना शुरू किया है।
    • आंध्र प्रदेश पिछले वर्षों में सूखे की समस्या से ग्रस्त रहा है जिसके कारण फसलों के उत्पादन में कमी आई। लेकिन, आंध्र प्रदेश ने मत्स्य उत्पादन में 30% से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर हासिल कर तथा पशुपालन में भी दहाई अंकों में वृद्धि दर हासिल कर फसल उत्पादन में कमी की न केवल भरपाई कर ली बल्कि वर्ष 2016 में 14% की वृद्धि दर भी प्राप्त की है। इसके लिये राज्य सरकार की नीतियों को भी श्रेय देना चाहिये जिसके कारण आंध्र प्रदेश में रोहू मछली के उत्पादन में तीव्र वृद्धि हुई।

    इस प्रकार की नीतियाँ अपनाकर देश के अन्य राज्य भी कृषि क्षेत्र में तीव्र वृद्धि दर दर्ज कर सकते हैं तथा अगले पाँच वर्षों में किसानों की आय को दो-गुना करने के लक्ष्य को पूरा करने में योगदान दे सकते हैं।

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