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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    जी.एम फसलें (GM Grops) क्या हैं? भारत में जी.एम. फसलों के अनुभवों का उल्लेख करते हुए उनसे संबंधित चिंताओं का विश्लेषण करें।

    16 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें  (Geneticaly Modified Crops/transgenic crops) ऐसी फसलें हैं जिनके DNA में आनुवांशिक इंजीनियरिंग (genetic engeeniring) के माध्यम से परिवर्तन किया जाता है ताकि उनमें लक्षित गुणों का समावेश किया जा सके। GM फसलों में ऐसे जीनों को प्रविष्ठ करवाया जाता है जो प्राकृतिक अवस्था में उनमें नहीं मिलते।

    GM फसलों की उच्च पैदावार, कम कृषि लागत, कीटों के विरूद्ध प्रतिरोधकता जैसे गुणों के कारण विश्व भर में खेती बढ़ रही है। भारत में भी पिछले वर्षों से इसकी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

    • भारत में Bt कपास, जो एक GM फसल है, की शुरुआत काफी सफल किंतु विवादास्पद रही है। 2002 में इसकी शुरुआत के बाद एक दशक में कपास उत्पादन दुगुने से भी अधिक हो गया। लेकिन, इसी समय मूल्य निर्धारण एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों के मुद्दे पर विवाद भी शुरू हो गया था। 
    • Bt-बैंगन के विकास के लिये 2005 में महिको (अमेरिकन कृषि बायोटेक कंपनी मोनसेंटो की भारतीय सहयोगी कंपनी) ने दो विश्वविद्यालयों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया। दो विशेषज्ञ समितियों द्वारा जैव सुरक्षा द्वारा और क्षेत्र परीक्षणों के अध्ययन के बाद Bt-बैंगन को भारत के शीर्ष बायोटेक्नोलॉजी नियामक जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्रेजल कमेटी (GEAC) द्वारा 2009 में इसके वाणिज्यिक उत्पादन की मंजूरी दे दी गई। लेकिन इसके बाद भारी विरोध को देखते हुए सरकार ने इसके उत्पादन को स्थगित कर दिया।

    GM फसलों से संबंधित चिंताएँ

    • आनुवांशिक इंजीनियरिंग की तकनीक एक विकसनशील तकनीक है तथा मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर इसके प्रभाव का अभी उचित आकलन नहीं हो पाया है। वैज्ञानिकों के अनुसार इससे उत्पन्न जोखिम अनुक्रमणीय प्रकृति के हो सकते हैं या जिनेटीकली मोटीफाइड जीवों (GMO) को नियंत्रित न कर पाने से पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।
    • चावल, बैंगन और सरसों जैसी महत्त्वपूर्ण फसलों के GM संस्करणों को प्रस्तुत करने से इन फसलों की घरेलू और जंगली प्रजातियों की विशाल संख्या को खतरा पैदा हो सकता है।
    • GM फसलों के द्वारा उत्पादित विषाक्त पदार्थों के खिलाफ कीटनाशकों में प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो जाने का भी खतरा है और इन विषाक्त पदार्थों से अलाक्षित फसलों के प्रभावित होने की भी आशंका है।
    • खाद्य पदार्थों में एलर्जिक पदार्थों के शामिल हो जाने अथवा पोषण कारकों के शामिल हो जाने की भी खतरा है। 

    भारत में खाद्य सुरक्षा एवं पोषण सुनिश्चित करने के लिये GM फसलों के उत्पादन को अनुमति देना एक दूरगामी कदम सिद्ध होगा लेकिन उससे पहले इससे संबंधित चिंताओं का समाधान अवश्य किया जाना चाहिये। 

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