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प्रश्न :
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production: IIP) क्या है? हाल ही में सरकार ने IIP एव WPI (Wholesale Price Incex) के संदर्भ में क्या बदलाव किये हैं? चर्चा करें।
18 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) एक ऐसा सूचकांक है जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे-खनन, विद्युत, विनिर्माण आदि के लिये संवृद्धि (growth) का विवरण प्रस्तुत करता है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा जारी किया जाने वाला यह सूचकांक किसी चयनित अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादों की एक बास्केट के उत्पादन की मात्रा में अल्पावधि में होने वाले परिवर्तनों का मापन करता है। योजना आयोग के पूर्व सदस्य ‘सौमित्र चौधरी’ की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) एवं थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में निम्नलिखित बदलाव किये हैं-
- CSO ने अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तनों को ग्रहण करने वाला सूचकांकों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये IIP एवं WPI (Wholsale Price Index) के लिये आधार वर्ष को बदलकर 2004-05 के बदले 2011-12 कर दिया।
- IIP बास्केट में कुल मदों की संख्या बढ़ाकर 620 के मुकाबले 809 कर दी। इसमें स्टेरॉइड, हार्मोन, चिकित्सा उपकरण, रिफांइड पाम ऑयल जैसे नए आयटम शामिल किये गए तो कैलकुलेटर, रंगीन TV की पिक्चर ट्यूब, गुटका आदि को नईशृंखला (2011-12) से हटा दिया गया।
- नए IIP में विनिर्माण का भारांश बढ़कर 75.5% से 77.6% हो गया जबकि खनन एवं विद्युत का भारांश घटकर क्रमशः 14.1% एवं 7.9% हो गया है।
- थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के लिये नईशृंखला में मदों की संख्या को 676 से बढ़ाकर 697 कर दिया।
- WPI में अब अप्रत्यक्ष करों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
इस प्रकार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक एवं थोक मूल्य सूचकांक के आधार वर्ष में बदलाव एक नियमित अभ्यास है जिन्हें समय-समय पर बदला जाता है ताकि इनसे संबंधित आँकड़ों को अद्यतन (Update) रखा जा सके।
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