हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) पी-नोट्स एवं ‘ऑफशोर डेरिवेटिक इन्स्ट्रूमेंटस (ODIs) पर नियामक शुल्क और निषिद्ध फीस लगाने के वाले सख्त नियमों का प्रस्ताव लाया है। इस प्रस्ताव के उद्देश्य व प्रमुख बिंदुओं का उल्लेख करते हुए इससे होने वाले लाभों की चर्चा कीजिये।
31 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थापार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के दुरूपयोग को रोकने के लिये तथा सट्टा प्रयोजनों हेतु पी-नोट्स व ‘ऑफशोर डेरिवेटिव इन्स्ट्रूमेंटस (ओडीआई)’ के प्रयोग को रोकने के लिये भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) इन दोनों उपकरणों को जारी करने के नियमों को सख्त करने से संबंधित एक प्रस्ताव लाया है। चूंकि पी-नोट्स अपनी गुमनाम प्रकृति के चलते नियामकों की पहुँच से बाहर रहते हैं तथा इनके जरिये विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के अलावा कई अमीर भारतीय भी ‘मनी लॉन्डरिंग’ कर अपना काला धन वापिस लाते हैं तथा स्टॉक मूल्यों में हेरफेर करते हैं। इसीलिये ये पी-नोट्स और ओडीआई सेबी के लिये चिंता का विषय बने हुए हैं।
प्रस्ताव के प्रमुख बिंदुः
प्रस्ताव से संभावित लाभः
सेबी के इस कदम से शेयर बाजार में होने वाले अनावश्यक उतार-चढ़ावों तथा अर्थव्यवस्था में शैल कंपनियों के माध्यम से होने वाले काले धन के निवेश को रोकने में भी मदद मिलेगी।