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प्रश्न :
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश व नवोन्मेष के वैश्विक प्रयासों का उल्लेख करते हुए, इस क्षेत्र के विकास से पर्यावरण व अर्थजगत पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण कीजिये।
08 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
वर्तमान में बढ़ते वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिये विश्व के अधिकतर देश नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। यह ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होती है, जिसमें सूर्यताप, पवन, जल, ज्वारीय तरंगें, भू-ताप आदि शामिल हैं। 'REN-21' की वर्ष 2016 की एक रिपोर्ट अनुसार वर्तमान में कुल वैश्विक ऊर्जा खपत में नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 19.2 प्रतिशत है।
हाल ही में चीन और अमेरिका ने पवन, जल, सौर और जैव-ईंधन ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश किया है। विश्व के अन्य देश भी इस ऊर्जा क्षेत्र में निवेश व अनुसंधान कर रहे हैं। नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा वैश्विक स्तर पर लगभग 7.7 मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इस क्षेत्र में हो रहे निवेश व अनुसंधानों के फलस्वरूप इससे उत्पन्न ऊर्जा की कीमतों में गिरावट देखी गई है। चूंकि यह ऊर्जा प्रदूषण रहित होती है, जिससे लोगों का रूझान भी इसकी ओर बढ़ा है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के नवोन्मेषः
- फ्राँस के द्वारा ‘फ्लोटोवोल्टिक (Floatovoltics)’ का विकास किया गया है। ये सोलर सेल पानी पर तैरती हैं, जिससे भूमि की आवश्यकता भी नहीं पड़ती और सोलर सेल अत्यधिक गर्म होकर खराब भी नहीं होती।
- सोलर सेल के बाइफेशियल मॉड्यूल (Bifacial Module) का निमार्ण किया जा रहा है, ताकि उसके दोनों तरफ से बिजली उत्पन्न की जा सके।
- सीसा या टिन की ऐसी सोलर सेल विकसित की जा रही हैं जो सिलिका सेल से ज्यादा कुशल व सस्ती होंगी।
- जर्मनी ने हाल ही में एक हाइड्रोजन फ्यूल आधारित ट्रेन का परीक्षण किया है। भविष्य में कार बस ट्रक आदि में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
नवीकरणीय ऊर्जा से पर्यावरण व अर्थजगत पर पड़ने वाले प्रभावः
- वैश्विक तापमान में वृद्धि को रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि इन स्रोतों से हरित गृह प्रभाव गैसों का उत्सर्जन नहीं होता।
- इस क्षेत्र में रोजगार के ढ़ेरों अवसर उपलब्ध होंगे।
- बड़ी मात्रा में बाधारहित ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित होगी जिससे ऊर्जा की कीमतों में स्थिरता आएगी।
- बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा।
अतः यह कहना समीचीन है कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र ही विश्व के भविष्य को अंधकार में जाने से रोकने में सहायक सिद्ध हो सकता है, अन्यथा जीवाश्म ईंधन तो अपनी समाप्ति से पहले पृथ्वी के वातावरण को जीवन के लिये अनुपयुक्त बनाने के लिये तैयार हैं ही।
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