नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    देश की सीमाओं की सुभेधता को देखते हुए हाल ही में गृह मामलों पर संसदीय पैनल द्वारा की गई प्रमुख अनुशंसाओं का उल्लेख करते हुए यह भी बताएँ कि आतंकवाद से निपटने में राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (NCTC) का गठन कितना कारगार होगा?

    20 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षा

    उत्तर :

    भारत की स्थल सीमा लगभग 15000 किलोमीटर एवं तटरेखा लगभग 6000 किलोमीटर लंबी है जिससे होकर भारत को सीमा पार आतंकवाद, आतंकवादियों की घुसपैठ, नशीले पदार्थों, पशुओं एवं हथियारों की तस्करी, अवैध प्रवसन आदि सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हाल ही में गृह मामलों पर संसदीय पैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर किया कि 1971 के पाकिस्तान युद्ध के बाद देश की सीमाएँ कभी भी इतनी सुभेध नहीं रही जितनी अब है। इस आलोक में सीमा प्रबंधन के संबंध में इस पैनल ने निम्नलिखित अनुशंसाएँ की हैं-

    1. भू-सीमा प्रबंधन-सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना विकास जैसे-सीमा चौकियाँ, बाड़ लगाना, सीमा सड़कों का विकास, दीवारें, फ्लद लाइटिंग, कैमरे, अलार्म सिस्टम आदि। म्याँमार सीमा के बेहतर प्रबंधन के लिये असम राइफल्स के स्थान पर सीमा सुरक्षा बलों को नियंत्रण का हस्तांतरण किया जाना चाहिये तथा बांग्लादेश सीमा से होकर पशु तस्करी से निपटने के लिये सीमा से 15 किलोमीटर अंदर तक पशु व्यापार पर प्रतिबंध लगाना चाहिये। 
    2. तटीय सुरक्षा- ‘तटीय सुरक्षा योजना’ को यथाशीघ्र पूरा किया जाना चाहिये। इसमें उथले तटीय क्षेत्रों की गश्त एवं निगरानी, तटीय पुलिस व्यवस्था को मजबूत करना शामिल है।
    3. संस्थागत समर्थन- नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) के प्रभावी संचालन के लिये इसके वित्त आवंटन में वृद्धि की जानी चाहिये।

    • मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC), जो प्रवर्तन निदेशालय, आर्थिक खुफिया एजेंसी जैसी संस्थाओं से विभिन्न खुफिया जानकारी साझा करने के लिये एक प्लेटफार्म है, जिसे अधिक सशक्त किया जाना चाहिये।
    • केंद्र एव ंराज्यों का आपसी संवाद के माध्यम से राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (NCTC) के गठन पर सहमति बनानी चाहिये।

    2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के पश्चात सरकार ने आतंकवाद से निपटने के लिये (NCTC)  नामक एक अलग निकाय गठित करने की आवश्यकता महसूस की। लेकिन राज्यों के विरोध के कारण इसका गठन नहीं हो पाया। इसके एकीकृत ढाँचे एवं निम्नलिखित शक्तियों के कारण यह आतंकवाद से निपटने में कारगर भूमिका निभा सकता था-

    • इसकी स्थाीय परिषद में राज्यों में विद्यमान आतंवाद विरोधी एजेंसियों शामिल होगी एवं यह एक इनके बीच समन्वय का कार्य करेगा।
    • यह आतंकवाद पर डाटा संग्रह, संकलन और प्रसार का कार्य करेगा।

    NCTC की इन शक्तियों को राज्यों ने गैर-संघीय प्रकृति की माना तथा लोगों की खोज एवं गिरफ्तारी के अधिकार के दुरूपयोग की संभावना के कारण राज्यों ने इसका विरोध किया। इस प्रकार राज्यों को विश्वास में लेकर एवं उनकी सहमति से इसके गठन का रास्ता साफ कर इसे आतंकवाद के विरूद्ध, कार्यवाई के लिये एक साझा मंच के रूप में प्रयोग करने का प्रयास करना चाहिये।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow